महामारी के बीच हज यात्रा को लेकर नियम
६ जुलाई २०२०कोरोना वायरस महामारी के बीच इस साल सऊदी अरब में हज की पवित्र यात्रा तो होगी लेकिन इसके लिए सरकार ने स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की घोषणा की है. इस साल हज की अनुमति सऊदी अरब में रहने वाले लोगों की ही दी गई है और इसकी भी संख्या सीमित कर दी गई है. कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने कुछ प्रोटोकॉल भी जारी किए हैं. प्रोटोकॉल के तहत हज यात्रियों के एक जगह इकट्ठा होने और बैठकें करने पर रोक लगा दी गई है. यह जानकारी सरकारी समाचार एजेंसी ने दी है.
जून महीने में ही सऊदी अरब ने हज करने वालों की संख्या सीमित करते हुए एक हजार कर दी थी और हज करने की अनुमति सिर्फ वहां रहने वाले लोगों को दी गई थी. आधुनिक समय में पहली बार ऐसा हुआ है जब विदेशों से हज के लिए आने वाले मुसलमानों पर रोक लगा दी गई हो. इस साल हज के दौरान खाना-ए-काबा को छूने पर प्रतिबंध रहेगा. काबे के तवाफ के दौरान डेढ़ मीटर की शारीरिक दूरी का नियम भी बनाया गया है और इसी के साथ सामूहिक नमाज के दौरान भी दूरी रखने को कहा गया है.
इसी के साथ प्रोटोकॉल में कहा गया है कि हज के दौरान जाने वाले स्थल जैसे कि मोना, मुजदलिफा और अराफात तक वे ही जा पाएंगे जिनके पास हज परमिट होगा. यह परमिट 19 जुलाई से लेकर 2 अगस्त के लिए लागू रहेगा. हज के दौरान यात्रियों के साथ-साथ आयोजकों और कर्मचारियों को हर समय मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. मुसलमानों के लिए हज फर्ज होने की वजह से हर साल दुनिया भर के करीब 20 लाख मुसलमान हज के लिए पवित्र शहर मक्का पहुंचते हैं. बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की वजह से संक्रमण का खतरा भी रहता है और इस बार कोरोना के कारण पहले ही यात्राएं सीमित कर दी गईं हैं.
हज पर जाने वालों की बड़ी संख्या भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया जैसे देशों से अधिक होती है. साल 2019 में भारत से करीब दो लाख लोगों ने हज किया था. पिछले साल ही सऊदी अरब ने भारत के लिए हज यात्रा के कोटे में वृद्धि की थी.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
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