महाराष्ट्र: बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही
२६ जुलाई २०२१महाराष्ट्र के सतारा, रायगढ़, रत्नागिरी, सांगली और कोल्हापुर, मुंबई उपनगर, पुणे, ठाणे और महाड में बाढ़ और भूस्खलन समेत बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में कई लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग लापता हो हैं. कोंकण क्षेत्र और पश्चिमी महाराष्ट्र के प्रभावित जिलों से कुल दो लाख 29 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील जिलों में एनडीआरएफ की तर्ज पर एक अलग बल का गठन किया जाएगा.
तीन दिन तक बरपा कहर
रायगढ़ जिले के चिपलून में एक समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, "सरकार उन्हें (प्रभावित लोगों को) अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सब कुछ करेगी. बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन, कपड़े, दवाएं और अन्य सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाएxगी. जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि तकनीकी दिक्कतें सहायता प्रदान करने में आड़े नहीं आएं."
बारिश और बाढ़ के कारण महाराष्ट्र के 875 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं.
ठाकरे ने रविवार को राज्य में तबाही मचाने वाली विनाशकारी बाढ़ के लगातार संकट को कम करने के लिए 'दीर्घकालिक उपाय' तैयार करने के लिए केंद्र से मदद मांगी. रत्नागिरि जिले के बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों - चिपलून, खेड़ और अन्य स्थानों का दौरा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य स्थायी समाधान विकसित करने के लिए स्थिति का आकलन करेगा.
वशिष्ठ नदी के किनारे कई लक्जरी होटलों के साथ कभी सुरम्य चिपलून पर्यटन स्थल के चारों ओर घूमते हुए, ठाकरे ने 2005 की भीषण बाढ़ के बाद दूसरी बार 55 हजार की आबादी वाले शहर में बड़े पैमाने पर बाढ़ का कहर देखा. यहां पर भारी बारिश के बाद आई बाढ़ के कारण लोगों को तीन दिन तक 15-20 फीट पानी के बीच छतों या इमारत के ऊपर जाकर रहना पड़ा.
विपक्ष भी सक्रिय
चिपलून के लोगों ने सरकार के मुखिया के दौरे पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की और सरकार से उन्होंने सहायता और पुनर्वास की मांग की. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भारी बारिश से प्रभावित रायगढ़ जिले का दौरा किया और केंद्र की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है.
राज्य सरकार ने मारे गए लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है और कहा है कि वह घायलों के इलाज का खर्च उठाएगी. राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बलों और सशस्त्र बलों समेत 34 आपातकालीन टीमों को सहायता और राहत-बचाव के लिए तैनात किया गया है.