हांगकांग में तियानमेन हत्याकांड का स्मारक हटाया गया
२३ दिसम्बर २०२१दो टन भारी और करीब 26 फुट ऊंची तांबे की एक मूर्ति को हांगकांग यूनिवर्सिटी परिसर से हटा दिया गया. 'पिलर ऑफ शेम' नामक यह स्मारक डेनिश शिल्पकार येन्स गालशिओट ने बनाया था. इसमें करीब 50 लोगों के शरीर एक दूसरे के ऊपर लदे हुए दिखाए गए थे. यह उन छात्रों की याद में बनाया गया था जो जून 1989 में तियानमेन चौक पर चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान सेना की कार्रवाई में मारे गए थे. इस घटना के बाद देश में कम्युनिस्ट पार्टी की सत्ता और मजबूत हुई थी. इसके बाद के सालों में सरकार के क्रूर दमन का लंबा दौर चल पड़ा था.
इसी के साथ हांगकांग शहर से उसका आखिरी सार्वजनिक स्मारक भी छिन गया. यूनिवर्सिटी के कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम उनकी आजादी का दम घोंटने की कोशिश है. एक छात्र बिली क्वॉक ने कहा, "यह एक प्रतीक था कि हांगकांग में अब भी बोलने की आजादी बची है.'' यूनिवर्सिटी ने मांग की है कि इस मूर्ति को सुरक्षित रखा जाए क्योंकि उन्हें उस पर "कानूनी खतरे" होने का अंदेशा है. एक बयान में यूनिवर्सिटी ने कहा कि किसी पार्टी ने इस मूर्ति के बारे में कोई अनुमति नहीं मांगी थी.''
हर साल 4 जून को छात्र संघ के पूर्व सदस्य आकर इस मूर्ति को धोते और तियानमेन चौक पर हुई कार्रवाई को याद करते थे. हांगकांग के अलावा मकाओ शहर में भी अब तक उस हिंसक सैन्य कार्रवाई को याद करने पर चीन की तरफ से रोक नहीं थी. हालांकि हर साल घटना की वर्षगांठ पर कैंडिल मार्च निकालने को लेकर प्रशासन दो साल पहले ही रोक लगा चुका है.
इस बीच एक निजी संग्रहालय को भी बंद करवा दिया गया जहां तियानमेन चौक की घटना को दिखाया गया था. इस संग्रहालय को चलाने वाले और सालाना मार्च निकालने वाले समूह 'हांगकांग एलायंस इन सपोर्ट ऑफ पेट्रिऑटिक डेमोक्रेटिक मूवमेंट ऑफ चाइना' को भंग कर दिया गया है और उसके अहम चेहरों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया है. हाल ही में हांगकांग में विधायी चुनाव हुए हैं जिसमें चीन समर्थक उम्मीदवार जीते हैं. चुनाव के कुछ ही दिन बाद मूर्ति हटाने की घटना हुई है.
आरपी/एमजे (एपी, एएफपी)