भारत में कोरियाई टीवी ड्रामा को जबरदस्त कामयाबी
१२ मार्च २०२१कोरोना वायरस की वजह से भारत में लगे लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में शेरेज़ादे श्रॉफ ने अपने पसंदीदा फिल्म और शो ऑनलाइन देखना शुरू किया. इसी दौरान उन्हें नेटफ्लिक्स पर दक्षिण कोरिया की एक बेहद लोकप्रिय टेलीविजन सीरीज़ ‘क्रैश लैंडिंग ऑन यू' दिखी. जब उन्होंने इस सीरीज को देखा, तो उन्हें लगा कि वे एक ऐसी दुनिया में चली गई हैं जिसकी कल्पना तक नहीं की थी.
श्रॉफ भारत की एक लोकप्रिय ब्यूटी और लाइफस्टाइल यूट्यूबर हैं. उन्होंने डॉयचे वेले से बात करते हुए कहा, "देखने के लिए लगभग कुछ नहीं बचा था. तभी मेरे बेस्ट फ्रेंड ने मुझे यह सीरीज देखने की सलाह दी थी. जब मैंने इसे देखा, तो लगा कि मैं दूसरी दुनिया में चली गई हूं. यह पहली कोरियाई सीरीज थी जिसे मैंने देखा था. इसके बाद कोरियाई ड्रामा की दुनिया में मेरी एंट्री हुई.”
लॉकडाउन में लोकप्रिय हुई सीरीज
‘क्रैश लैंडिंग ऑन यू' दिसंबर, 2019 में रिलीज हुई थी. मार्च 2020 तक भारत में यह सीरीज लोकप्रिय नहीं हुई थी. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन लगने के बाद यह इतनी लोकप्रिय हुई, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी.
इस सीरीज की कहानी पैराग्लाइडिंग हादसे के बारे में है. इस हादसे में दक्षिण कोरियाई राजघराने की एक महिला उत्तराधिकारी उत्तर कोरिया पहुंच जाती है. वहां उसकी मुलाकात एक आर्मी ऑफिसर होती है. यह आर्मी ऑफिसर महिला की मदद करने का फैसला लेता है.
कोरियाई ड्रामा और संगीत को के-पॉप के तौर पर जाना जाता है. पिछले एक दशक में कई बार इसने दुनिया भर में धूम मचाई है. इसे ‘कोरियन वेव' कहा गया. भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के युवा और छात्र-छात्राएं इससे काफी प्रेरित हुए हैं. वे कोरियाई ड्रामे की कहानियों, खान-पान और टीवी स्टार के फैशन को फॉलो करने लगे हैं.
नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं का चलन पढ़ने से पहले कोरियाई ड्रामा देखने के विकल्प सीमित थे. इसके लिए पहले किसी असुरक्षित या संदिग्ध वेबसाइट पर नए एपिसोड रिलीज होने का इंतजार करना पड़ता था. इन एपिसोड के साथ दिखाए जाने वाले सब-टाइटल्स भी ज्यादा अच्छे नहीं होते थे. इन सब-टाइटल्स को देखकर कहानी समझ पाना मुश्किल था. हालांकि अब पूरी कहानी बदल गई है. नेटफ्लिक्स कोरियाई ड्रामा और शो को दुनिया के सामने ला रहा है. आज इन शो को देखने वाले दर्शकों की एक बड़ी तादाद है.
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भारतीयों को क्यों पसंद आ रहा कोरियाई शो
कोरोना वायरस लॉकडाउन के समय, ‘क्रैश लैंडिंग ऑन यू' कई भारतीय फिल्मों और शो को पीछे छोड़ नेटफ्लिक्स के टॉप 10 में शामिल हो गई. श्रॉफ कहती हैं, "मैंने कई सारे घरेलू शो देखे हैं, लेकिन फर्क ये है कि एक कोरियन शो देखने के बाद आप ठहर नहीं सकते. यह आपको उस संस्कृति, जीवनशैली, मूल्यों को दिखाता है, जो हर किसी का सपना होता है.”
श्रॉफ ने देखा कि इंस्टाग्राम फॉलोअर्स उनकी पोस्ट पर कोरियाई ड्रामा को लेकर बात कर रहे हैं. इसलिए, उन्होंने अपने प्रशंसकों के लिए एक फेसबुक ग्रुप बनाने का फैसला लिया. यह फेसबुक ग्रुप उन लोगों के लिए है जो कोरियन फिल्म और सीरीज के सुझाव देना चाहते हैं, उसकी समीक्षा करना चाहते हैं या ली मिन-हो या पार्क सी-जून जैसी हस्तियों पर चर्चा करना चाहते हैं.
यह एक निजी ग्रुप है जिसमें करीब छह हजार सदस्य हैं. इस ग्रुप में उन लोगों को शामिल किया गया है जो 10 वर्षों से ज्यादा समय से कोरियन ड्रामा देख रहे हैं. साथ ही, उन नए लोगों को भी शामिल किया गया है जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान कोरियन ड्रामा और शो देखने की शुरुआत की. कुछ लोग अब तक 300 से ज्यादा शो देख चुके हैं. वहीं, कई ने अभी अपनी पहली सीरीज ही पूरी की है.
श्रॉफ कहती हैं, "यहां कोरियाई ड्रामा के बारे में कोई कुछ भी बात कर सकता है. वह परिवार से जुड़ा भी हो सकता है और सेक्सिज्म से जुड़ा मुद्दा भी. वह हमारी पसंद का भी हो सकता है और पसंद का नहीं भी.”
वह आगे कहती हैं, "कोरियाई ड्रामा सिर्फ मनोरंजन नहीं है जो आप देखते हैं और सुनते हैं. जब लोग कोरियाई ड्रामा देखते हैं, तो वह उस चीज को खाना चाहते हैं जो उस शो का किरदार खा रहा होता है. वह उसके हीरो की तरह पीना चाहते हैं. इन शो को देखने का मतलब उनकी संस्कृति में गोता लगाने जैसा है. उनकी संस्कृति के बारे में जानने जैसा है. ड्रामा में जब कोई चीज दिखती है, तो उसके बारे में लंबे समय तक याद रहता है. जैसे, रम्यून (कोरियाई मसालेदार नूडल्स), टोटोकबोकी (चावल का मसालेदार केक), मांडू (पकौड़ी), और सोजू (शराब).”
पिछले कुछ समय से भारत में कोरियाई भोजन की मांग बढ़ी है. हरियाणा के गुरुग्राम में सुभाष कुकरेजा की दुकान है. उनके यहां पूर्वी एशियाई देशों के भोजन और लोकप्रिय व्यंजन मिलते हैं. उन्होंने डॉयचे वेले से कहा, "हमने पिछले एक साल में भारतीय ग्राहकों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी है.” दुकान में एक दर्जन से ज्यादा ब्रैंड और फ्लेवर में रम्यून रखा हुआ है. वे कहते हैं, "हमारे स्थानीय ग्राहकों को कोरियाई मसालेदार नूडल्स काफी पसंद आ रहे हैं.”
कोरियन भाषा सीखने वालों की संख्या बढ़ी
श्रॉफ करीब एक साल से कोरियन शो देख रही हैं. वह कहती हैं कि आज के समय में कोरियाई शब्द उनकी बोलचाल का हिस्सा बन गए हैं. कोरियाई पॉप-कल्चर की लोकप्रियता की वजह से भारत में कोरियाई भाषा सीखने वालों की संख्या बढ़ी है. इसके लिए, कुछ लोग प्रोफेशनल प्रोग्राम में एडमिशन ले रहे हैं. वहीं कुछ, ऐप्लिकेशन की मदद ले रहे हैं.
नई दिल्ली में दक्षिण कोरियाई दूतावास के तहत चलने वाले कोरियन कल्चर सेंटर इंडिया (केसीसीआई) में कोरियाई भाषा सीखने वाले लोगों के लिए कई तरह के कोर्स चलाए जाते हैं. भाषा सीखने वालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केसीसीआई ने ऑनलाइन ‘कोरियन लैंग्वेज हॉबी क्लास' शुरू करने का फैसला लिया. इसके लिए काफी संख्या में लोगों ने अपने नाम दर्ज करवाए. दो मिनट के अंदर 600 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया. इतनी तेजी से संख्या बढ़ती देख केसीसीआई को रजिस्ट्रेशन रोकने पर मजबूर होना पड़ा.
केसीसीआई के निदेशक हवांग इल-यांग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, "2020 में लागू की गई भारत की नई शिक्षा नीति की वजह से कोरियन भाषा को बढ़ावा मिला है. नई शिक्षा नीति में कोरियन भाषा की अनुशंसा विदेशी भाषा के तौर पर की गई है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के साथ हमारी बातचीत चल रही है, ताकि 2021 में भारतीय स्कूलों में कोरियन भाषा पढ़ाई जा सके.” यह संस्था भारत के बड़े शहरों में ऑनलाइन और ऑफलाइन कोर्स शुरू करने का प्रयास कर रही है. इसके लिए, कोरियाई भाषा पढ़ाने वाली संस्था सेजोंग इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर काम कर रहा है.
भारत में कोरियाई फिल्में, शो, और ड्रामों को देखने वालों की संख्या बढ़ी है. इसके साथ ही, कोरियन खाने का बाजार भी बढ़ा है और कोरियाई भाषा सीखने वालों की संख्या भी. इन सब से एक बात तो साफ है कि सवा सौ करोड़ की आबादी वाला यह देश कोरियाई फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा बाजार बन सकता है.