इस्लामिक जिहाद और इस्राएल के बीच युद्ध विराम
७ अगस्त २०२२इस्राएल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री याइर लापिड के कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि फलस्तीनी उग्रवादी संगठन के साथ युद्ध विराम पर समझौता हो गया है. तीन दिन की गोलाबारी और 40 से ज्यादा मौतों के बाद यह युद्ध विराम हुआ है. इससे पहले फलस्तीनी संगठन इस्लामिक जिहाद ने ऐलान किया था कि वह मिस्र की मध्यस्थता से संभव हुए युद्ध विराम पर सहमत है.
शुक्रवार को इस्राएल ने ‘ब्रेकिंग डॉन' नाम का यह सैन्य अभियान शुरू किया था. इस दौरान उसके हवाई हमलों में इस्लामिक जिहाद के कई सदस्य मारे गए जिनमें खालिद मंसूर और तैसीर अल-जाबरी जैसे बड़े कमांडर शामिल हैं. इस्राएल का दावा है कि ये दोनों कमांडर आतंकवादी हमलों की योजना बना रहे थे.
फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस्राएल के हमलों में अब तक 41 लोगों की जान गई है जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं. उधर इस्राएल का कहना है कि बच्चों की मौत गलती से दागे गए इस्लामिक जिहाद के एक रॉकेट हमले में हुई. गजा के अधिकारियों के मुताबिक अब तक 311 लोग घायल हुए हैं.
फलस्तीनी उग्रवादियों ने इस्राएल के शहरों पर सैकड़ों रॉकेट दागे जिनमें तेल अवीव और अश्केलोन भी शामिल हैं. अब तक दो इस्राएलियों के घायल होने की खबर है. रॉकेट हमलों के कारण आग लगने से कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा.
गजा पर शासन करने वाले संगठन हमास ने खुद को इस पूरे घटनाक्रम से बाहर रखा है. हमास और इस्लामिक जिहाद, दोनों को ही कई पश्चिमी देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.
अमेरिका और यूरोपीय संघ समेत कई देशों ने दोनों पक्षों से तनाव को कम करने की अपील की है. मिस्र ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने में मध्यस्थता की. पिछले साल भी मिस्र की मध्यस्थता पर ही इस्राएल और हमास के बीच 11 दिन तक चला युद्ध रुक पाया था.
गजा में मानवीय संकट
ताजा युद्ध के चलते गजा में जारी मानवीय संकट और बढ़ गया है. इलाके के शिफा अस्पताल के प्रमुख ने बताया कि हर मिनट घायल लोग पहुंच रहे थे. शहर में दवाओं की कमी है और बिजली कटौती भी लगातार हो रही है.
बीते हफ्ते इस्राएल ने गजा से आने जाने का रास्ता बंद कर दिया था. शनिवार को ईंधन की कमी के कारण गजा का एकमात्र बिजली संयंत्र भी बंद करना पड़ा था. गजा के स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि बिजली की कमी के कारण मंगलवार से स्वास्थ्य सेवाएं बंद करनी होंगी.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि बिजली की कमी का असर पानी की सप्लाई पर भी होगा और जल संकट मानवीय आपदा को और गंभीर कर सकता है.
वीके/एए (एएफपी, रॉयटर्स)