"उसने मेरे बाल पकड़े और चेहरे पर तेजाब डाल दिया"
२७ जुलाई २०१७सुमन की बहन की शादी दस साल पहले लाहौर में ही हुई थी. सुमन का कहना है कि कुछ समय बाद ही उसे अपने जीजा का रवैया खराब लगने लगा. उसने अपनी बहन को इस बारे में बताया लेकिन बहन सुमन की बात मानने को तैयार नहीं थी.
सुमन ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "उस वक्त कोई मेरी बात सुनने को तैयार नहीं था. सब कहते थे कि बहन का घर है तुम्हें संभल कर रहना चाहिए." इसलिए सुमन ने एक समय बाद अपनी बहन के घर जाना छोड़ दिया. सुमन का कहना है कि जब बहन और जीजा उनके घर आते तो वह कमरे से बाहर नहीं निकलती थी.
सुमन के मुताबिक यह सिलसिला कई साल तक चलता रहा. जीजा उसे परेशान करता रहा. वह कभी अपने किसी बच्चे से अपना संदेश भिजवाता, तो कभी लगातार फोन किया करता था. इस दौरान सुमन के घरवालों को उसके जीजा की हरकतों से थोड़ा सा शक होने लगा था. लेकिन कोई बोलने को तैयार नहीं था क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि सुमन की बहन का घर खराब हो. सुमन का कहना है कि वह घर में ही रहती थी, यहां तक कि उसने अपनी बाहरवीं की परीक्षा भी घर पर ही पढ़ाई करके दी. उसे डर था कि वह घर से निकलेगी तो उसका जीजा उसका पीछा करेगा.
सुमन ने बताया, "कुछ समय बाद मैंने यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया. वहां भी मेरे जीजा ने मेरा पीछा करना शुरू कर दिया. एक दिन उसने जबरदस्ती मेरी यूएसबी छीन ली, जिसमें मेरी तस्वीरें थीं. उसने मेरी तस्वीरों को फोटोशॉप करके मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया, जिससे मैं डर गयी."
सुमन ने डीडब्ल्यू को बताया कि एक दिन जब वह यूनिवर्सिटी जाने के लिए घर से बाहर निकली थी, तो उसके जीजा ने उसे जबरदस्ती मोटरसाइकल पर बिठाया और उसे एक मजार पर ले गया. सुमन के मुताबिक, "वहां उसने मुझे चटाई पर बिठाया और मुझसे पूछा कि क्या मैं उससे शादी करूंगी. मैंने कहा दिया कि मैं उससे शादी नहीं करना चाहती और मैं जमीन की तरफ देखने लगी. इसी दौरान उसने मेरे बाल खींच कर मेरा सिर ऊपर किया और मेरे चेहरे पर तेजाब फेंक दिया. मैं दर्द की वजह से भागने लगी. कोई मेरी मदद को आगे नहीं आया और मेरा जीजा मुझे अपने घर ले गया."
सुमन पर तेजाब का यह हमला 5 फरवरी 2016 को हुआ था. उसकी बहन और जीजा ने उसे बहुत धमकियां दीं और डराया. उन्होंने कहा कि अगर उसने किसी को सच बताया तो वे उसे कत्ल कर देंगे. सुमन कहती है, "एक दिन मेरे भाई ने खुद को मारने की धमकी दी तो मैंने उसे सब सच बता दिया. फिर मेरे घर वालों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करायी और मेरे जीजा के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई." केस की शुरुआत में उसका जीजा फरार हो गया. हिरासत के बाद भी वह समय समय पर जमानत लेता रहा.
इस दौरान सुमन का केस आतंकवाद विरोधी अदालत में चला. कई सुनवाई हुईं और सुमन को कई मुश्किलों से गुजरना पड़ा. सुमन की बहन और उसके एक भाई ने उसके खिलाफ अदालत में गवाही दी कि हमला सुमन ने खुद किया है और असल में सुमन ही अपने जीजा से शादी करना चाहती थी. लेकिन अदालत ने इन दलीलों को नहीं माना और सुमन के जीजा को 28 साल की सजा सुनायी और उस पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
अब सुमन का इलाज चल रहा है. सुमन के मुताबिक अगर उसका सही से इलाज ठीक से हो तो डॉक्टरों का कहना है कि वह फिर से पहले की तरह दिख सकती है. सुमन को कोई सरकारी या गैर सरकारी संगठन से मदद की जरूरत है ताकि उसका इलाज हो सके. सुमन के घर वाले उसकी बहन और उस भाई से संबंध तोड़ चुके हैं जिन्होंने अदालत में सुमन के खिलाफ गवाही दी थी.