यौन उत्पीड़न केस: सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर कैसे हुआ खुलासा
१ मई २०२४लोकसभा चुनाव के बीच कर्नाटक के कथित यौन उत्पीड़न मामले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना और उनके पोते प्रज्वल रेवन्ना पर उनके घर में काम करने वाली महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 26 अप्रैल को कर्नाटक की 14 लोकसभा सीटों पर मतदान से ठीक दो दिन पहले प्रज्वल रेवन्ना के कई आपत्तिजनक वीडियो पेन ड्राइव के जरिए बांटे गए. दावा किया जा रहा है कि इन वीडियोज की संख्या 2976 के करीब हैं. कुछ वीडियोज सोशल मीडिया पर भी वायरल किए गए. आरोप है कि ये वीडियो खुद ही रेवन्ना ने शूट किए थे.
सांसद पर महिला उत्पीड़न का आरोप
इस बीच मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रज्वल रेवन्ना को 24 घंटे के अंदर जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया है. जेडीएस के विधायक एचडी रेवन्ना को भी नोटिस जारी किया गया है. वे प्रज्वल रेवन्ना के पिता हैं जो इस मामले में दूसरे आरोपी हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के बाद जेडीएस ने मंगलवार को हासन से मौजूदा पार्टी सांसद और लोकसभा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना को निलंबित कर दिया.
पीड़ित महिला ने क्या कहा
प्रज्वल रेवन्ना के घर पर काम करने वाली 47 साल की महिला ने उनपर और उनके पिता पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. इस महिला ने पुलिस में शिकायत में कहा, "जब भी रेवन्ना की पत्नी घर पर नहीं होती थीं तो रेवन्ना मुझे गलत ढंग से छूते थे." उन्होंने कहा, "काम पकड़ने के चार महीने बाद रेवन्ना मुझे अपने कमरे में बुलाने लगे, घर में छह अन्य महिला कर्मचारी भी काम करती थीं और वे भी डरी रहती थीं. घर के पुरुष कर्मचारियों ने महिला कर्मचारियों से सतर्क रहने के लिए कहा था."
इस महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि प्रज्वल ने उनकी बेटी के साथ छेड़खानी करने की कोशिश की. उसने कहा, "वे दूसरे लोगों से कहते थे कि मेरी बेटी को ले आए जो उनकी तेल मालिश करे. प्रज्वल मेरी बेटी को वीडियो कॉल कर उससे अश्लील बातें करते थे."
महिला ने कहा कि उनकी बेटी ने प्रज्वल का नंबर ब्लॉक कर दिया और उसके बाद महिला ने काम छोड़ दिया.
महिला ने मीडिया से कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रज्वल के अश्लील वीडियो सामने आए और उसके पति ने उस पर संदेह करना शुरू कर दिया. महिला ने पुलिस से उसे सुरक्षा प्रदान करने और रेवन्ना और प्रज्वल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
महिला ने शिकायत में कहा कि उन्होंने वीडियो को देखा और मैं उनमें से (महिलाओं को) एक को जानती हूं. महिला ने दावा किया कि उसने अन्य पीड़ितों की क्लिप ऑनलाइन देखने के बाद आगे आने का फैसला किया.
पिछले साल ही आरोप आए थे सामने
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आरोप पहली बार पिछले साल जून में सामने आए थे, लेकिन उन्होंने मीडिया को "मॉर्फ्ड वीडियो" के रूप में रिपोर्ट करने से रोकने के लिए एक अदालत का आदेश हासिल कर लिया था. लेकिन 26 अप्रैल को हासन में मतदान से पहले कथित यौन उत्पीड़न के वीडियो वाले पेन ड्राइव बांटे गए और ये सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गए.
कर्नाटक बीजेपी के नेता देवराजे गौड़ा ने दिसंबर में राज्य नेतृत्व को पत्र लिखा था और कहा था कि वीडियो के कारण प्रज्वल रेवन्ना या उनके परिवार के किसी भी सदस्य को गठबंधन का उम्मीदवार न बनाया जाए.
कर्नाटक में बीजेपी ने जेडीएस के साथ गठबंधन किया है और लोकसभा चुनाव में जेडीएस तीन सीटों पर लड़ रही हैं. उनमें से एक सीट हासन भी है, जहां से प्रज्वल उम्मीदवार हैं.
आरोप पर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने
प्रज्वल ने कथित सेक्स वीडियो को अपने खिलाफ साजिश बताया है. फिलहाल वो देश छोड़कर जर्मनी जा चुके हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को मामले का संज्ञान लेते हुए कर्नाटक पुलिस से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है.
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी-जेडीएस गठबंधन पर प्रज्वल रेवन्ना को लेकर विवाद के बारे में जानने के बावजूद उन्हें हासन लोकसभा टिकट देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रज्वल रेवन्ना को टिकट दिया गया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस स्कैंडल के बारे में पता था. यह वास्तव में दुखद है."
इस पूरे विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि इस मामले पर राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "बीजेपी का रुख स्पष्ट है, हम नारी शक्ति के साथ खड़े हैं. नरेंद्र मोदी जी की राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता महिला शक्ति का अपमान बर्दाश्त नहीं करने की है. फिर भी मैं कांग्रेस से एक छोटा सा सवाल पूछना चाहता हूं, क्योंकि वे हमारे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं. आखिर वहां (कर्नाटक में) सरकार किसकी है? कांग्रेस पार्टी वहां सरकार चलाती है."
अमित शाह ने कहा, "कानून और व्यवस्था राज्य का मुद्दा है." गृह मंत्री ने मामले में निष्क्रियता के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने पूछा,"कांग्रेस ने अब तक कोई जांच क्यों नहीं कराई? हमें जांच नहीं करनी चाहिए. लॉ एंड ऑर्डर राज्य का मुद्दा है."