भारत में प्रचंड गर्मी के बीच आखिरी चरण का मतदान
१ जून २०२४सातवें चरण की चर्चित सीटों में वाराणसी सीट भी है, जहां नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के अजय राय तीसरी बार आमने-सामने हैं. इनके अलावा आज जिन चर्चित सीटों पर नजर है उनमें हिमाचल की मंडी सीट से विक्रमादित्य सिंह और कंगना रनौत, डायमंड हार्बर से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, पाटलिपुत्र सीट से राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती और बिहार की ही काराकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे भोजपुरी गायक पवन सिंह शामिल हैं.
बंगाल से ईवीएम लूट की खबरें
जिन राज्यों की संसदीय सीटों पर आज मतदान हो रहा है, उनमें उत्तर प्रदेश और पंजाब की 13-13, पश्चिम बंगाल की 9, बिहार की 8, ओडिशा की 6, हिमाचल प्रदेश की 4, झारखंड की 3 और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की इकलौती सीट शामिल है. इसके अलावा ओडिशा विधानसभा की 42 सीटों पर भी मतदान हो रहा है. आज ओडिशा में 42 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है.
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा की भी घटनाएं हुई हैं. प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सोशल मीडिया पोस्ट में जानकारी दी कि भीड़ ने रिजर्व इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और कागजों को लूटा और वीवीपैट मशीनों को एक तालाब में फेंक दिया.
सेक्टर ऑफिसर ने इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराई है और जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
भीषण गर्मी से हो रही चुनावकर्मियों की मौत
प्रचंड गर्मी के कारण चुनाव प्रक्रिया में शामिल कई कर्मियों के मरने की भी खबरें आई हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, 31 मई को हीटवेव के कारण बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में चुनावकर्मियों समेत कम-से-कम 33 लोगों के मरने की खबर है. गर्मी से जुड़ी वजहों से अकेले उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में आठ चुनावकर्मियों की मौत हो गई.
मिर्जापुर जिला प्रशासन ने बयान जारी कर बताया मौत की ठीक-ठीक वजह का पता अटॉप्सी के बाद ही चल पाएगा, लेकिन आशंका है कि इलाके में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मियों की तबीयत बिगड़ी. मीडिया खबरों के मुताबिक, रायबरेली और सोनभद्र से भी पोलिंग स्टाफ के मरने की खबरें आ रही हैं. वहीं, 30 मई को भी बिहार में गर्मी के कारण 14 लोगों की मौत हुई. इनमें चुनाव की ड्यूटी पर तैनात 10 कर्मचारी भी शामिल हैं.
गर्मी के कारण मतदाताओं और चुनावकर्मियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. मतदान के प्रतिशत में आई कमी को जानकार औसत से अधिक तापमान से भी जोड़कर देख रहे हैं. गर्मी के कारण चुनाव अभियान भी प्रभावित हुआ. अप्रैल में एक चुनावी रैली के दौरान नितिन गडकरी बेहोश हो गए. उन्होंने गर्मी को तबीयत खराब होने की वजह बताया. इस गर्म मौसम में लंबे मतदान कार्यक्रम के लिए चुनाव आयोग की आलोचना भी हो रही है. हालांकि, आयोग इसपर अपना बचाव कर रहा है. आयोग ने एक बयान में कहा, "गर्म मौसमी स्थितियों के बावजूद बड़ी संख्या में मतदाता पोलिंग स्टेशनों पर पहुंच रहे हैं."
गर्मी में कतार से बचने की कोशिश करते दिखे लोग
वाराणसी में दोपहर के समय तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. हीटवेव से बचने के लिए कई जगहों पर मतदाता सुबह के वक्त ही पंक्ति में खड़े दिखे, लेकिन तब भी गर्मी से कोई खास राहत महसूस नहीं हुई. वाराणसी के एक मतदान केंद्र के बाहर पंक्ति में खड़ी 42 साल की बिंदवासिनी देवी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "सूरज के चढ़ने से पहले बाहर निकलने में ज्यादा समझदारी है. पिछले कुछ दिन बहुत मुश्किल रहे और हमने भरपूर पानी पीने और जितना हो सके, बाहर ना निकलने की कोशिश की."
वाराणसी के ही एक मतदान केंद्र में चुनाव अधिकारी क्षेम कुमार पाठक ने एएफपी को बताया कि उन्हें महिलाओं के एक समूह को लौटाना पड़ा क्योंकि वो वक्त से पहले ही पोलिंग स्टेशन पहुंच गई थीं. ये महिलाएं सूरज उगने से पहले ही वोट डालना चाहती थीं, ताकि गर्मी से बच सकें. क्षेम कुमार ने बताया, "हमें उनको नियम समझाने पड़े. हमने उनसे बाद में आने को कहा. इस गर्मी में हर कोई कतार में लगने से बचना चाहता है. सब चाहते हैं कि जितनी जल्दी हो सके, वोट देकर घर लौट जाएं."
गर्मी के कारण ड्यूटी पर तैनात चुनावकर्मियों के मरने की खबरों के बीच क्षेम कुमार को अपने और सहकर्मियों की फिक्र है. वह कहते हैं, "तापमान का हम ज्यादा कुछ कर नहीं सकते. बेशक यह बहुत मुश्किल है, लेकिन यही हमारी ड्यूटी है." गर्मियों के इन महीनों में ऊंचा तापमान भारत में नई बात नहीं, लेकिन अब गर्मियां ज्यादा गर्म और असहनीय होती जा रही हैं. वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण हीटवेव की अवधि और तीव्रता बढ़ रही है.
एसएम/आरएस (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)