ट्विटर का "ब्लॉग" और सरकार का "कू"
१० फ़रवरी २०२१भारत में इन दिन माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर काफी दबाव में है. ट्विटर का इस्तेमाल तो यूजर अपनी आवाज को बुलंद करने और अन्य मुद्दों पर राय रखने के लिए करते हैं लेकिन भारत सरकार का कहना है कि इसके जरिए किसान आंदोलन के दौरान भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट साझा की जा रही हैं और आंदोलन को लेकर कई आपत्तिजनक हैशटैग चलाए जा रहे हैं. किसान आंदोलन पर अमेरिकी पोप गायिका रिहाना के ट्वीट के बाद कई और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने भी ट्वीट किया जिनमें युवा पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग भी शामिल थीं. अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के अलावा विदेश में रहने वाले भारतीयों ने भी बढ़ चढ़कर ट्वीट किया और हैशटैग का इस्तेमाल किया था.
ट्विटर ने भारत सरकार की आपत्ति के बाद 1,178 में से 500 से अधिक अकाउंट पर कार्रवाई की है. बुधवार को ट्विटर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा कि दुनिया भर में "स्वतंत्र इंटरनेट और अभिव्यक्ति की आजादी" खतरे में है. ट्विटर ने अपने ब्लॉग में लिखा, "सरकार के आदेश के बाद कुछ अकाउंट को बंद किया गया था. लेकिन बाद में पाया गया कि उनकी सामग्री भारतीय कानून के मुताबिक ही है, इसलिए उन्हें फिर से शुरू कर दिया गया." ट्विटर ने बताया है कि उसने मीडिया संस्थानों, पत्रकारों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और ऐक्टिविस्ट के खाते पर कार्रवाई नहीं की है क्योंकि उसे लगता है कि ऐसा करने से इन लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार जो कानून के तहत मिले हैं उसका उल्लंघन होगा. ट्विटर ने अपने बयान में कहा है कि वह अपने यूजर्स की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करना जारी रखेगा. हालांकि ट्विटर ने साथ ही कहा, "हमने अकाउंट को बंद करने के आदेश में चिह्नित खातों के एक हिस्से पर हमारी देश में विषयवस्तु नीति के तहत केवल भारत में ही रोक लगाई है. ये खाते भारत के बाहर उपलब्ध रहेंगे." ट्विटर ने कहा है कि वह अपने मंच पर स्वस्थ चर्चा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
सरकार का ऐतराज
दरअसल सरकार ने बीते दिनों नोटिस जारी कर ट्विटर को 1,178 खातों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था क्योंकि इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि ये अकाउंट या तो खालिस्तान से सहानुभूति रखने वालों के हैं या पाकिस्तान द्वारा समर्थित हैं. मंगलवार को ट्विटर के एक प्रवक्ता ने अपने एक बयान में कहा था, "ट्विटर पर हमारे लिए हमारे कर्मियों की सुरक्षा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है. हम भारत सरकार का सम्मान करते हैं और एक औपचारिक बातचीत के लिए हमने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री का रूख किया है."
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पिछले गुरुवार को ट्विटर को यह नया नोटिस भेजा गया था और बढ़ते दबाव के बाद ट्विटर ने बुधवार को कार्रवाई की बात साझा की है. सरकार के इस नोटिस के बारे में बात करते हुए प्रवक्ता ने आगे कहा था, "हम सरकार से प्राप्त होने वाली हर रिपोर्ट की समीक्षा जितनी जल्दी हो सके करते हैं. सार्वजनिक बातचीत को सुरक्षा प्रदान किए जाने के अपने मौलिक मूल्यों और प्रतिबद्धताओं के प्रति दृढ़ बने रहने की सुनिश्चितता के साथ हम इस तरह की रिपोर्टों के बारे में उचित कार्रवाई भी करते हैं."
ट्विटर और कू
अपने पहले नोटिस में प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत "हैशटैग मोदी प्लानिंग फार्मर जेनोसाइड" का इस्तेमाल कर रहे 257 खातों को ट्विटर पर ब्लॉक करने का निर्देश दिया था. ट्विटर ने बुधवार को जारी बयान में यह भी बताया है कि उसने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मद्देनजर क्या कार्रवाई की. उसने बताया कि उसकी ग्लोबल टीम ने नफरती सामग्री की पहचान की और उसे हटाने का काम किया, ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने वाले खातों, ट्रेंड्स, ट्वीटों को मंच से हटाया गया. उस दिन ट्विटर के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन करने वाले 500 खातों को निलंबित भी किया गया.
इस बीच "देशी ट्विटर" कहे जाने वाले ऐप कू का सरकार ने ट्विटर के ब्लॉग पोस्ट का जवाब देने के लिए इस्तेमाल किया है. कू करीब 10 महीने पुराना माइक्रोब्लॉगिंग स्टार्ट अप है और यह सभी लोगों को अपनी भाषा में अपने विचार या राय को व्यक्त करने की आजादी देता है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा ट्विटर के अनुरोध पर आईटी सचिव कंपनी के मैनेजमेंट के साथ जुड़ने वाले थे, इससे पहले ही ब्लॉग पोस्ट का आना असामान्य है. सरकार का कहना है कि वह जल्द अपनी प्रतिक्रिया साझा करेगी.
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