भारत: 26/11 का मुंबई हमला कभी नहीं भूलेंगे
२८ अक्टूबर २०२२मुंबई में बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मुंबई का 26/11 हमला कभी भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा, "यह हमला सिर्फ मुंबई पर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर था. हमले के बाद से हमने इस हमले के मास्टरमाइंड और आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाने की कोशिश की है, लेकिन यह काम अधूरा है और इसलिए इस यूएनएसी आतंकवाद रोधी समिति का एक साथ आना विशेष और महत्वपूर्ण है."
पाकिस्तान को बड़ी राहत, टेरर फंडिंग वॉच लिस्ट से बाहर
मुंबई हमले के 14 साल पूरे हो जाएंगे
शुक्रवार से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक से पहले यूएनएससी के सदस्यों ने हमलों मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की. आतंकवाद रोधी बैठक मुंबई के उसी होटल ताज महल पैलेस में हो रही है जो आतंकियों के निशाने पर था. बैठक से पहले प्रतिनिधियों ने होटल में 26/11 स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. अगले महीने मुंबई हमले की 14वीं बरसी है. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.
जयशंकर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 26/11 के आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता को अब तक सजा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में यूएनएससी आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में असफल रही है. उन्होंने कहा, "जब इन आतंकवादियों में से कुछ को प्रतिबंधित करने की बात आती है, तो सुरक्षा परिषद कुछ मामलों में राजनीतिक कारणों से कार्रवाई करने में असमर्थ रही है. यह हमारी सामूहिक विश्वसनीयता और हमारे सामूहिक हितों को कमजोर करता है."
इंटरपोल: वित्तीय और साइबर अपराध से दुनिया की पुलिस चिंतित
आतंकियों को वैश्विक सूची में डालने से बचाता है चीन?
दरअसल कुछ पिछले कुछ महीनों चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ऐसे पाकिस्तानी आतंकियों को वैश्विक आतंकियों की सूची में डाले जाने के अमेरिका और भारत के उन प्रस्तावों को बाधित किया जिससे उन पर प्रतिबंध लग जाता. चीन ने हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद, शाहिद महमूद, अब्दुल रहमान मक्की, अब्दुल रऊफ अजहर और साजिद मीर को यूएनएसी में बचाया है. हाफिज सईद मुंबई हमलों का प्रमुख अभियुक्त है.
इस बैठक में जयशंकर ने समिति के प्रतिनिधियों से कहा, "आतंकवाद का मुकाबला करने का एक प्रमुख पहलू आतंकवाद के वित्त पोषण को प्रभावी ढंग से रोकना है. आज आतंकवाद विरोधी समिति स्थानीय और क्षेत्रीय संदर्भ में आतंकवाद के फाइनेंसिंग का मुकाबला करने पर विशेषज्ञों से भी चर्चा करेगी."
उन्होंने इस बैठक में पाकिस्तान का बिना नाम लिए कहा, "आतंकवाद ने दुनिया के कई क्षेत्र को त्रस्त कर दिया है. भारत दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा बेहतर समझता है. दशकों से सीमा पार घुसपैठ से लड़ने की हमारी प्रतिबद्धता कमजोर नहीं हुई है और न ही होगी."
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस समिति के अध्यक्ष और गेबॉन के विदेश मंत्री मिशेल मौस्सा एडेमो ने इस बैठक में कहा कि आतंकवादियों को संसाधनों की आपूर्ति बंद होनी चाहिए.
चीन ने रोका पाकिस्तानी आतंकी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति के अगले दिन की बैठक दिल्ली में होगी और इसमें चीन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. बैठक में ड्रोन तकनीक और अन्य उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. पिछले सात वर्षों में यह पहला मौका है जब यूएनएससी की आतंकवाद रोधी समिति की विशेष बैठक इसके मुख्यालय से बाहर आयोजित की जा रही है. यूएन ने इस आयोजन के पहले कहा था कि इस तरह की बैठक का लक्ष्य आतंकी इरादों और कार्रवाइयों को रोकने के लिए सदस्य देशों को नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जानकारी देना है ताकि आतंकियों को कानून के दायरे में लाए जा सके.
अल्बानिया, ब्राजील, चीन, फ्रांस, गेबॉन, घाना, भारत, आयरलैंड, केन्या, मेक्सिको, नॉर्वे, रूस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), यूनाइटेड किंग्डम (यूके) और अमेरिका के प्रतिनिधि इस विशेष बैठक में भाग ले रहे हैं.