यूट्यूब वीडियो लाइक के नाम पर ठगे जा रहे लोग
४ मई २०२३भारत में पहले साइबर ठग मोबाइल पर फोन करके ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) जानने के बाद बैंक खाते से पैसे निकाल लेते थे, लेकिन ठगी का वह तरीका पुराना हो गया है. अब साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए मूवी रिव्यूज और यूट्यूब पर वीडियो लाइक करने के एवज में पैसे देने का लालच देकर ठगी कर रहे हैं.
दिल्ली के पास नोएडा की रहने वाली 42 वर्षीय महिला को एक दिन व्हॉट्सऐप पर अनजान नंबर से एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि उन्हें यूट्यूब पर कुछ वीडियो लाइक करने होंगे जिसके बदले उन्हें प्रति वीडियो 50 रुपये मिलेंगे. उसके बाद महिला ने बताए गए वीडियो को लाइक किया जिसके बाद उसे पैसे दिए गए.
महिला का भरोसा जीतने के बाद उसे एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया गया, जहां पहले से ही कई और सदस्य थे.
यूट्यूब लाइक से धोखाधड़ी
उस महिला को तब तक नहीं पता चला था कि वह साइबर ठगों के जाल में फंस चुकी है. एक दिन ग्रुप के कोऑर्डिनेटर ने महिला से कहा कि उसे 25 हजार रुपये देने होंगे जिसके बदले में उसे ज्यादा मुनाफा मिलेगा. जब महिला ने पैसे दे दिए तो उसके पैसे ठगों ने रख लिए और कहा कि उसे 1.17 लाख रुपये और देने होंगे.
महिला ने ठगों की बात मानते हुए वह रकम भी दे दी. उसके बाद महिला से कहा गया कि उसने गलत वीडियो लाइक कर दिए हैं जिसकी वजह से टेलीग्राम ग्रुप के सभी मेंबरों का पैसा डूब गया. महिला पर दबाव बनाकर ठगों ने 11.90 लाख रुपये और वसूल लिए. महिला का कहना है कि अलग-अलग मौकों पर उससे कुल 13.32 लाख रुपये वसूले गए.
जब तक महिला को यह बात समझ आती कि वह साइबर ठगों के जाल में फंस चुकी है तब तक बहुत देर हो चुकी थी और वह 13 लाख से अधिक रुपये गंवा चुकी थी. महिला ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत नोएडा की साइबर पुलिस में की है. पुलिस ने महिला की शिकायत पर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान तक लोग बन रहे शिकार
आसानी से पैसे कमाने का लालच देकर साइबर ठग ऐसे लोगों को निशाना बना रहे हैं जो सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा एक्टिव रहते हैं. साइबर ठग लोगों का भरोसा जीतने के लिए पहले तो उन्हें कुछ वीडियो लाइक करने के बदले पैसे देते हैं फिर किसी बहाने से पैसे ठग लेते हैं. साइबर ठग अक्सर सेल्स एंड मार्केटिंग के नाम पर लोगों को जाल में फंसाते और घर बैठे पैसे कमाने का लालच देते.
पहले पीड़ितों को लाइक करने के बदले पैसे दिए जाते और फिर उन्हें कहा जाता कि उन्होंने गलत वीडियो लाइक कर दिए हैं जिसके बदले में उन्हें पैसे जमा कराने होंगे. इस तरह से उनसे पैसे ठग लिए जाते.
हर वीडियो लाइक करने के लिए 50 रुपये का झांसा
इसी साल गुरुग्राम में रहने वाली सिमरनजीत सिंह नंदा ने यूट्यूब फ्रॉड में फंसकर साढ़े आठ लाख रुपये गंवा दिए. साइबर ठगों ने महिला को व्हॉट्सऐप के जरिए संपर्क किया और निवेश के मौके के बारे में बताया. इसके बाद महिला को एक टेलीग्राम लिंक शेयर किया गया जहां यूट्यूब वीडियो लाइक करने पर 50 रुपये मिलने की बात कही गई. जब महिला के साथ धोखाधड़ी हुई तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उसने पुलिस को बताया कि ठग ने मर्चेंट टास्क के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा और इस तरह कुल मिलाकर सिमरनजीत सिंह ने साढ़े आठ लाख रुपये गंवा दिए.
कई बार साइबर ठग ये भी कहते हैं कि पेमेंट करने में दिक्कत आ रही है तो ऐसे में वे सामने वाले व्यक्ति से कुछ पैसा उनके अकाउंट में भेजने के लिए कहते हैं और फिर ओटीपी आदि की जानकारी लेकर अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं.
निजी जानकारी चुराने के तरीके
कई बार साइबर ठग पैसे ट्रांसफर करना आसान बनाने के लिए एक ऐप डाउनलोड करने के लिए भी कहते हैं, जिससे व्यक्ति का मोबाइल और निजी डेटा की पहुंच साइबर ठगों तक हो जाती है. यह ऐप रिमोट एक्सेस ट्रोजन या मैलवेयर है. वे जाल में फंसे व्यक्ति से सिर्फ एक रुपये भेजने को कहते हैं जिससे पेमेंट गेटवे का वेरिफिकेशन हो पाए. इसके बाद उन्हें पीड़ित के ओटीपी और ईमेल के साथ-साथ उसके सभी बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड की जानकारी का पूरा एक्सेस मिल जाता है.
सर्वे एजेंसी लोकल सर्किल्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन साल के दौरान 39 प्रतिशत भारतीय परिवार किसी न किसी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार बने हैं. इनमें सिर्फ 24 प्रतिशत परिवारों को ही उनका पैसा वापस मिल पाया है. लोकल सर्किल्स ने अपने सर्वे के लिए देश के 331 जिलों के 32,000 लोगों से बात की. सर्वे में शामिल 23 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वे क्रेडिट या डेबिट कार्ड धोखाधड़ी के शिकार हुए. वहीं 10 प्रतिशत ने कहा उनके साथ बैंक अकाउंट फ्रॉड हुआ है.