दिल्ली की प्राइड परेड
दिल्ली में रविवार 8 जनवरी को क्वीअर प्राइड मार्च हुआ. सैकड़ों लोगों ने इस परेड में हिस्सा लेकर एलजीबीटीक्यू प्लस समुदाय के प्रति समर्थन जताया.
दिल्ली में प्राइड मार्च
तीन साल में पहली बार दिल्ली में प्राइड मार्च हुआ जिसमें एलजीबीटीक्यू प्लस समुदाय से सैकड़ों लोग जमा हुआ.
मान्यता की मांग
इस बार एक मांग बार-बार सुनाई दी – समलैंगिक शादियों को मान्यता मिले. मार्च में इस बारे में सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुना सकता है.
पूरे अधिकार चाहिए
परेड में शामिल अजय चौहान कहते हैं, “निरपराधीकरण के एक ही पक्ष पर बात की है, जबकि एक बड़ा पहलू बाकी है और एलजीबीटीक्यू समुदाय को अब भी अपने अधिकार नहीं मिले हैं. हमें उन अधिकारों पर ध्यान देने की जरूरत है.”
शादी जरूरी पहलू
2018 तक भारत में समलैंगिक होना अपराध था, जिस कानून को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था. लेकिन समलैंगिक शादियां अब भी गैरकानूनी हैं. इस संबंध में कई याचिकाएं सर्वोच्च न्यायालय में दायर हैं, जिन पर मार्च में सुनवाई होनी है.
बदल रहा है नजरिया
समलैंगिक संबंधों के प्रति देश में बदलाव आ रहा है, लेकिन यह ज्यादातर शहरी इलाकों में ही हुआ है. बॉलीवुड फिल्मों और टीवी सीरीज में समलैंगिक और अन्य क्वीअर किरदार ज्यादा सहजता से दिखाए जा रहे हैं.
अब भी मुश्किलें
भारतीय समाज के रूढ़िवादी हिस्सों में अब भी एलजीबीटीक्यू प्लस समुदाय के लोगों को घृणा के साथ देखा जाता है. यह इस तबके के लोगों की बड़ी समस्या है.