दिल्ली में लगा विशालकाय एयर प्यूरीफायर
३ जनवरी २०२०राजधानी नई दिल्ली के भीड़भाड़ वाले लाजपत नगर के बाजार में 20 फीट ऊंचे स्मॉग टावर को लगाया गया है. रोजाना इस बाजार में औसतन 15 हजार लोग खरीदारी करने के लिए आते हैं. दिल्ली में पिछले कई महीनों से हवा में प्रदूषण का स्तर गंभीर की श्रेणी में बना हुआ है. कई बार तो हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है. विश्व स्तर पर वायु की गुणवत्ता जुटाने वाले संगठन के मुताबिक दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 15 भारत में ही मौजूद हैं और उसके मुताबिक दिल्ली की हवा सबसे दूषित है.
यह टावर इलाके के 500 से 750 मीटर के दायरे की हवा को शुद्ध करेगा. दावा है कि टावर की मदद से प्रतिदिन ढाई लाख से लेकर 6 लाख क्यूबिक मीटर हवा साफ होगी. इस टावर का डिजाइन बेलनाकार है, जिसमें एक बड़ा सा इनलेट है जिससे प्रदूषित हवा अंदर जाएगी और चार आउटलेट की मदद से साफ हवा वातावरण में छोड़ी जाएगी. स्मॉग टावर में बड़े-बड़े पंखे लगे हैं जो प्रदूषित हवा को अंदर खीचेंगे और फिल्टर की मदद से प्रदूषित हवा साफ हो जाएगी.
टावर पर एक मॉनिटर भी लगा है जिस पर पीएम 2.5 का स्तर देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि स्मॉग टावर हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 के हानिकारक कणों को 80 फीसदी तक साफ कर देगा. इस टावर की कीमत करीब 7 लाख रुपये है और इसको चलाने का खर्च करीब 30 हजार रुपये हर महीने आएगा. इसे बिजली या सौर ऊर्जा से भी संचालित किया जा सकता है. पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने टावर का उद्घाटन करते हुए कहा, "दिल्ली के प्रदूषण से लड़ना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम ऐसी कई पहल पर काम कर रहे हैं." गंभीर के मुताबिक यह टावर फिलहाल प्रोटोटाइप है और इसके प्रदर्शन के बारे में विश्लेषण किया जाएगा.
प्रदूषण की मार
लाजपत नगर ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सांसद गौतम गंभीर की मदद से इस टावर को लगाया है. उनका कहना है कि बाजारों में इस तरह के टावर लगने से इलाके की आबो-हवा साफ सुथरी होगी और लोग शुद्ध हवा में शॉपिंग का आनंद ले पाएंगे. दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को स्मॉग टावर पर रोडमैप तैयार करने को कहा था. इस तरह के टावर के साथ चीन पहले ही प्रयोग कर चुका है. पर्यावरणविदों का कहना है कि पिछले तीन साल में प्रदूषण को लेकर लोग जागरुक हुए हैं और सरकार ने भी प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन ये दिल्ली में प्रदूषण घटाने के लिए पर्याप्त नहीं है.
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