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भारत: क्या बायजू के खिलाफ जांच में नहीं मिली कोई गड़बड़ी?

२७ जून २०२४

शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली ए़डटेक कंपनी बायजू पिछले कुछ समय से भारत सरकार के जांच के दायरे में है. आखिर क्या है मामला और कंपनी पर क्या हैं आरोप.

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बायजू रवींद्रन, बायजू के फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं
वित्तीय हेराफेरी के आरोपों पर बायजू की जांच कर रही है भारत सरकार तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Kiran

भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने 26 जून को कहा कि कंपनी कानून के तहत ए़डटेक कंपनी बायजू के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई अब भी जारी है और फिलहाल इस मामले में अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है. दरअसल पिछले साल भारत सरकार ने बायजू के खिलाफ जांच शुरू की थी.

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने विभिन्न घटनाक्रमों के मद्देनजर बायजू के बही-खातों के निरीक्षण का आदेश दिया था. इन घटनाक्रमों में एक ऑडिटर का इस्तीफा भी शामिल था. यह जांच 2023 से जारी है और 26 जून को एक मीडिया रिपोर्ट आई जिसमें दावा किया गया कि सरकार ने कंपनी को वित्तीय धोखाधड़ी से बरी कर दिया. लेकिन इसके बाद मंत्रालय ने एक बयान जारी कर साफ किया कि बायजू के मामले में चल रही जांच में कंपनी को वित्तीय धोखाधड़ी से बरी करने की रिपोर्ट "तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक" है.

वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप

2023 में बायजू के तीन निदेशकों और ऑडिटर के इस्तीफे के बाद कंपनी एमसीए, भारतीय नियामकों और जांच एजेंसियों की नजरों में आई थी. दरअसल कंपनी ने अन्य मुद्दों के अलावा वित्तीय नतीजों, बिजनेस प्रोसेस और आंतरिक नियंत्रण की घोषणा में बहुत देरी की थी.

इसके बाद एमसीए ने जुलाई 2023 में हैदराबाद में बायजू के क्षेत्रीय निदेशक द्वारा किसी भी संभावित कॉर्पोरेट प्रशासन चूक का पता लगाने के लिए उसके खातों की जांच करने का आदेश दिया था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबित इस मामले को आगे की जांच के लिए गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को भेजे जाने की आवश्यकता है या नहीं, इस पर अंतिम फैसला आरओसी (रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज) के निष्कर्षों पर निर्भर करेगा.

प्रवर्तन निदेशालय ने कथित तौर पर इमिग्रेशन ब्यूरो से बायजू रवींद्रन के खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर जारी करने को कहा था ताकि वह जांच अधिकारी को सूचित किए बिना भारत न छोड़ सकें.

ई-लर्निंग की मदद से शिक्षा के करीब आते गरीब बच्चे

अर्श से फर्श पर पहुंची कंपनी

बायजू रवींद्रन कंपनी के फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ भी संस्थापक हैं. उनके भाई रिजू रवींद्रन भी प्रमोटर समूह के हिस्से के रूप में कंपनी में हिस्सेदारी रखते हैं और कंपनी के बोर्ड में भी शामिल हैं.

बायजू कभी 22 अरब डॉलर (1,82,000 करोड़ रुपये) की वैल्यूएशन के साथ देश का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप था. लेकिन अब यह कंपनी नकदी की कमी से जूझ रही है और भारत और विदेशों में निवेशकों और ऋणदाताओं के साथ दिवालियापन के मामले से जूझ रही है. 24 जून को बायजू को एक और झटका तब लगा जब डच इन्वेस्टमेंट कंपनी प्रोसस ने अपना निवेश घटाकर शून्य कर दिया.

प्रोसस ने वित्त वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि कंपनी के राइट्स इश्यू से पहले बायजू में उसकी प्रभावी हिस्सेदारी 9.6 प्रतिशत थी. कंपनी ने कहा कि उसने अपनी पूरी हिस्सेदारी को बट्टे खाते में डाल दिया है और बायजू की वैल्यूशन को शून्य कर दिया. प्रोसस के मुताबिक उसके करीब 4,000 करोड़ रुपये डूब गए.

नकदी संकट से जूझ रही बायजू 20 करोड़ के राइट्स इश्यू के बीच में है, लेकिन नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने उसे किसी भी फंड का इस्तेमाल करने से रोक दिया है. इसने एनसीएलटी के आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

कभी बड़े नाम जुड़े थे बायजू के साथ

बायजू अपने कर्ज चुकाने से लेकर कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी जूझ रही है. कानूनी पचड़े में पड़ने के बाद उसका बिजनेस भी प्रभावित हुआ है. कंपनी में पहले ही बड़े पैमाने पर छंटनी हो चुकी है.

2015 में बायजू ने अपना प्रमुख लर्निंग ऐप लॉन्च किया और 2017 में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को ब्रांड एंबेसडर के रूप में साइन करके एक महंगा मार्केटिंग अभियान चलाया. 2016 और 2020 के बीच कंपनी को जनरल अटलांटिक, चैन-जकरबर्ग इनिशिएटिव, ब्लैकरॉक और सिकोया कैपिटल जैसे वैश्विक निवेशकों से फंडिंग मिली.

बायजू 2019 से 2023 तक भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सर थी और 2022 में कतर में हुए फीफा वर्ल्ड कप का आधिकारिक प्रायोजक थी. वर्ल्ड कप से पहले कंपनी ने लियोनेल मेसी को अपने सामाजिक प्रभाव शाखा के वैश्विक ब्रांड एंबेसडर के रूप में साइन किया था.

कोविड-19 महामारी के दो सालों के दौरान बायजू के बिजनेस में काफी बढ़त देखी गई थी. महामारी के दौरान बच्चों ने ऑनलाइन शिक्षा के लिए बायजू की ओर रुख किया लेकिन जैसे-जैसे महामारी का असर कम हुआ और कक्षाएं फिर शुरू हुईं बायजू की एक के बाद एक मुश्किलें बढ़ने लगीं.