लेबनान: सीरियाई शरणार्थी शिविर आग से खाक
२८ दिसम्बर २०२०संयुक्त राष्ट्र और लेबनान के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि उत्तरी लेबनान में एक शरणार्थी शिविर में आग लग गई थी, जिससे लगभग 300 सीरियाई शरणार्थी बेघर हो गए हैं. खबरों के मुताबिक एक स्थानीय नियोक्ता और शरणार्थियों के बीच पैसे को लेकर विवाद हुआ, जिसके कारण शिविर में आग लगा दी गई. यूएनएचसीआर का कहना है कि मिन्या इलाके में सीरियाई शरणार्थी के करीब 75 परिवार उन शिविर में रह रहे थे जिसमें आग पकड़ ली थी.
लेबनान के एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि लेबनानी सेना आग के कारणों की जांच कर रही है और जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी हो रही है. एक अन्य सैन्य सूत्र ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि स्थानीय लोगों के लिए काम करने वाले सीरियाई शरणार्थियों में मजदूरी को लेकर विवाद था और फिर दोनों पक्षों के बीच लड़ाई हुई थी.
लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता खालिद कबारा ने कहा कि अस्थायी शिविर किराए की जमीन पर स्थित थे और वहां लगभग 375 शरणार्थियों को रखा गया था. उन्होंने बताया है कि शिविर पूरी तरह से जल गए हैं. उन्होंने कहा, "आग के कारण शिविरों में रखे गैस सिलेंडरों में भी विस्फोट हो गया, जिससे कुछ परिवार डर की वजह से भाग गए."
लेबनान का कहना है कि उसने लगभग 15 लाख सीरियाई शरणार्थियों को शरण दी है, जिनमें से लगभग दस लाख ने संयुक्त राष्ट्र के साथ पंजीकरण कराया है. अधिकारियों का कहना है कि शरणार्थियों को अब अपने वतन लौटना चाहिए, लेकिन मानवाधिकार समूहों का कहना है कि युद्ध ग्रस्त सीरिया अभी भी सुरक्षित जगह नहीं है. 2011 में सीरिया संकट के बाद से ही वहां से लोग जान बचाकर भाग रहे हैं और पड़ोसी देशों में शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
पिछले महीने उत्तरी लेबनान के शहर बशारा में एक सीरियाई शरणार्थी पर एक लेबनानी की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगा था. जिसके बाद तनाव बढ़ गया था और 270 शरणार्थी परिवारों को इस क्षेत्र से जाना पड़ा था. देश में चल रहे गृहयुद्ध के कारण वहां से भाग रहे सीरियाई शरणार्थियों के बीच तनाव अब आम बात है. लेबनान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है और वहां लाखों सीरियाई शरणार्थियों के रहने से देश के बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव पड़ रहा है.
एए/एके (डीपीए, रॉयटर्स, एएएफपी)
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