राजेश उजाला ने दिल्ली के सबसे बड़े कोविड अस्पताल के मुर्दाघर में डेढ़ साल ड्यूटी की. कोविड की दूसरी लहर में उन्होंने लाशों का अंबार देखा. उनके अस्पताल में फिर मामले बढ़ते दिख रहे हैं. लेकिन उजाला दुआ करते हैं कि फिर उन्हें वैसे हालात का सामान ना करना पड़े. उन्होंने खुद अपने छोटे भाई को इस दूसरी लहर में गंवाया है.