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गर्म हवा के थपेड़ों की मार झेलते भारतीय शहर

२९ मार्च २०२२

मार्च के महीने में ही कई भारतीय शहरों में पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है. भारतीय मौसम विभाग ने कई इलाकों के लिए गर्मी की लहरों की चेतावनी दी है.

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आने वाले दिनों में गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहीं
आने वाले दिनों में गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहींतस्वीर: Imago images/Pacific Press Agency/S. Paul

पिछले दिनों भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई समेत कई इलाकों के लिए मौसम विभाग ने चरम गर्मी की चेतावनी जारी की थी. मार्च के महीने के मौसम ने मुंबई को लोगों को चौंका दिया था. 15 मार्च के आसपास मुंबई और उसके नजदीक वाले इलाकों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस को छूने वाला था. भीषण गर्मी को लेकर भारतीय मौसम विभाग ने लू (हीट वेव्स) की चेतावनी जारी की थी. बीएमसी ने भी लोगों से हर समय हाईडेट्रेड रहने को कहा था. लेकिन यह तो बस शुरूआत माना जा रहा है, दिन बीतने के साथ मौसम अपना और कड़ा तेवर दिखाएगा.

शहरों में गर्मी के कवच छोटे जंगल

दिल्ली में भीषण लू की चेतावनी

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को भारत के कई हिस्सों में पहले से चल रही गर्मी से राहत के बिना गर्म दिनों की भविष्यवाणी की है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र, बिहार, झारखंड, ओडिशा, गैंगटिक पश्चिम बंगाल, पूर्वी मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग, उत्तरी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 30 मार्च से 1 अप्रैल तक तेज गर्म हवाएं चलेंगी.

वहीं मौसम विभाग ने बताया कि जम्मू डिविजन, हिमाचल प्रदेश, सौराष्ट्र-कच्छ में अगले दो दिनों तक लू के थपेड़ों की स्थिति बनी रहेगी. पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ और राजस्थान में जनता को अगले पांच दिनों तक गर्म हवाओं से राहत नहीं मिलने की उम्मीद है.

मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली के लिए भी अलर्ट जारी किया है. मंगलवार और बुधवार के लिए मौसम विभाग ने भीषण लू की चेतावनी जारी की है. एक दिन पहले सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आठ मौसम केंद्रों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक रहा. दिल्ली के नरेला में 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पीतमपुरा में 41.1 डिग्री सेल्सियस, नजफगढ़ में 40.7 डिग्री सेल्सियस और हरियाणा के गुरुग्राम में 40.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

दिल्ली में 2021 में 29 मार्च को तापमान 40.1 डिग्री दर्ज हुआ था. यह 76 वर्षों के दौरान मार्च का सबसे गर्म दिन था. जबकि इससे पहले 31 मार्च 1945 को तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था.

शहरों को ठंडा रखने की चुनौती

तेजी से विकसित होते शहर और पेड़ों की कटाई तापमान में वृद्धि के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं. भारत में जहां पहले सर्दी के बाद वसंत आता था. वसंत के मौसम में तापमान हलका-हलका बढ़ता था. वसंत के बाद ही गर्मी आती थी. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि मौसम का जो परंपरागत बंटवारा था, वह खत्म हो रहा है और सर्दी के तुरंत बाद गर्मी आ रही है. इसी कारण भारत के कई शहर मार्च के महीने में लू के थपेड़ों का अनुभव कर रहे हैं.

शहरों को ठंडा रखने की तरकीब

पिछले दिनों आईपीसीसी की जो रिपोर्ट आई थी उसमें भी कहा गया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में अगर तापमान डेढ़ डिग्री से ज्यादा होता है तो हीट वेव और भी तेजी से बढ़ेंगी. रिपोर्ट में वेट बल्ब तापमान के बारे में बताया गया है जो गर्मी और आर्द्रता को एक साथ मापने का एक पैमाना है. 31 डिग्री सेल्सियस वेट बल्ब तापमान इंसानों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. 35 डिग्री में तो सेहतमंद इंसान भी छह घंटों से ज्यादा जिंदा नहीं रह सकेगा.

जानकार कहते हैं कि हीट वेव से बचने के लिए नए हीट कोड बनाए जाने की जरूरत है और शहरों और राज्यों को नए हीट कोड पर दिशानिर्देश देने की जरूरत है. वे कहते हैं कि शहरों में हरियाली के साथ-साथ तालाब बढ़ाने होंगे जिससे शहर ठंडा रह सके.

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