जर्मनीः ईयू में पांव पसारने को तैयार धुर दक्षिणपंथी पार्टी
२९ जुलाई २०२३2021 के मुकाबले दो गुने जन समर्थन के रथ पर सवार अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड यानी एएफडी की सालाना मीटिंग में शनिवार को यूरोपियन यूनियन(ईयू) चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा शुरू हुई. ईयू चुनाव अगले साल जून में होने हैं. जाहिर है कि अभी वक्त काफी है लेकिन पार्टी में उत्साह उससे कहीं ज्यादा. शुक्रवार को इस बैठक की शुरुआत से ही माहौल खुशनुमा था, जिसका अनुमान भी था. जर्मनी के शहर माग्डेबुर्ग में हो रही यह बैठक रविवार तक चलती रहेगी. बैठक में सहमति बनी है कि यूरोप में पांव पसारने के लिए यूरोपियन संसद के भीतर समान विचार रखने वाले गुट 'यूरोपियन आइडेंटिटी ऐंड डेमोक्रेसी' यानी आईडी पार्टी से हाथ मिलाया जाए.
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बैठक में शामिल पार्टी के पूर्व सांसद रोलांड हार्टविग ने कहा, "यूरोपियन यूनियन एक अलोकतांत्रिक ढांचा है जो कोई सुधार लाने के काबिल नहीं, ईयू विफल हो चुका है.” हार्टविग का मानना है कि आईडी पार्टी के साथ मिलना ईयू के अंदर घुसकर उसके "घमंड और नकारापन" से लड़ने का एक नया तरीका है. प्रवासन का विरोध करने वाली पार्टी एएफडी, जर्मनी की राजनीति में अब तक हाशिए पर रही है, लेकिन पिछले कुछ वक्त में इसका समर्थन बहुत तेजी से बढ़ा है. हाल ही में हुए एक राष्ट्रीय सर्वे में चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की पार्टी को पछाड़ते हुए उसकी अप्रूवल रेटिंग 22 फीसदी तक पहुंच गई.
क्या है आईडी पार्टी
आईडी पार्टी यूरोपियन संसद के अंदर एक राजनैतिक गुट है जिसमें राष्ट्रवादी, दक्षिणपंथी और एक यूरोप की अवधारणा पर विश्वास ना रखने वाली पार्टियां एकजुट हैं. इस गठबंधन में फ्रांस की दक्षिणपंथी नेता मरीन ला पेन की नैशनल रैली पार्टी और ऑस्ट्रियन फ्रीडम पार्टी शामिल हैं. हार्टविग ने एएफडी के सदस्यों को इस बात का भरोसा दिलाया है कि आईडी पार्टी में शामिल होने के बावजूद एएफडी की स्वतंत्र पहचान कायम रहेगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईडी की रणनीति एएफडी से मेल खाती है क्योंकि वह भी राष्ट्रीय संप्रभुता को प्राथमिकता देती है. एएफडी के लिखित बयान में कहा गया है कि आईडी के साथ शामिल होना अपने जैसी पार्टियों के नेटवर्क में जुड़ने के लिए अहम है. साथ ही आईडी को ईयू बजट में से फंड भी मिलता है.
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इन सब बातों का यह मतलब नहीं कि कोई नाखुश नहीं है. पार्टी के कुछ सदस्य इस फैसले के विरोध में हैं. उनका तर्क है कि ईयू के भीतर जर्मनी के हितों की बात रखने वाली पार्टी के तौर पर एएफडी के सफल होने की संभावना ज्यादा है, बजाए एक ऐसे गुट में शामिल होने के जिसे समझौता करने के लिए ही खड़ा किया गया है. सदस्यों को अपनी पहचान खो जाने का डर सता रहा है.
यूरोप, हम आ रहे हैं...
इन आपत्तियों के बावजूद पार्टी नेताओं का रुख बदलने वाला नहीं है, खासकर जब जर्मनी के पूर्वी राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं. सैक्सनी-अनहाल्ट राज्य में एएफडी के नेता मार्टिन राइषहार्ट ने पार्टी के इरादे जताते हुए कहा, "यूरोप, हम जर्मनी को बचाने आ रहे हैं.” उनका इशारा इस ओर था कि आने वाले वक्त में लक्ष्य संप्रभु देशों वाले यूरोप या पितृभूमियों वाला यूरोप होना चाहिए.
एएफडी के नेता टीनो क्रुपाला ने सालाना बैठक के दौरान कहा कि पार्टी की वर्तमान लोकप्रियता की वजह उसके नेताओं के बीच आपसी सौहार्द्र है. क्रुपाला ने कहा, "हम यह तालमेल अगले चुनावे कैंपेन तक लेकर जाएंगे. अगले साल हम सैक्सनी, थुरिंजिया और ब्रांडेनबुर्ग में सबसे ताकतवर बनकर उभरेंगे.” क्रुपाला ने बेहद उत्साहित स्वर में यह भी कहा कि पार्टी को सरकार बनाने की तैयारियां करनी चाहिए.
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एक तरफ यह हुंकार भरी जा रही थी और दूसरी तरफ बैठक स्थल के बाहर मैदान में एएफडी के विरोध में लोग इकट्ठा हो रहे थे. उनके हाथों में बैनर थे जिन पर लिखा था, अपने दिमाग से राष्ट्रवाद बाहर निकालो. दोपहर के वक्त एक छोटा सा जहाज भी बैनर टांगे आकाश में दिखा जिस पर लिखा था, "ब्लडी एएफडी.”
एसबी/आरएस(डीपीए)