जर्मनी में किन मुद्दों को लेकर चुनाव में उतर रही हैं पार्टियां
जर्मनी में अगले आम चुनाव 23 फरवरी 2025 को आयोजित होंगे. विभिन्न राजनीतिक दलों ने अलग-अलग मुद्दों को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करना शुरू कर दिया है.
क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू)
जर्मनी के दो पार्टियों के मध्य-दक्षिणपंथी गुट ने करों को कम करने और अवैध प्रवासियों को रोकने के वादे के साथ चुनाव में उतर रही है. यह गठबंधन आयकर में कमी, वृद्धावस्था पेंशन में कटौती ना करने जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहा है.
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी)
मौजूदा चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के नेतृत्व में एसपीडी निवेश और सार्वजनिक ऋण में बढ़ोत्तरी जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में आ रही है. एसपीडी अमीरों पर वेल्थ टैक्स और न्यूनतम वेतन बढ़ाने जैसे मुद्दों पर पहले भी खुलकर बोलती रही है.
ग्रीन पार्टी
पर्यावरण के मुद्दों को लेकर राजनीति में उतरी ग्रीन पार्टी पिछली सरकार में तीखी आलोचनाओं का सामना कर चुकी है. ग्रीन पार्टी 'डेट ब्रेक' में सुधार, इलेक्ट्रिक कारों के लिए सब्सिडी और पेंशन के लिए एक नया 'नागरिक कोष' बनाने के मुद्दों को भुनाने का प्रयास कर रहे हैं.
फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (एफडीपी)
क्रिस्टियान लिंडनर के नेतृत्व में एफडीपी पेंशन सुधार, शेयर आधारित पेंशन की शुरुआत, ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों की मार झेल रही कंपनियों के लिए टैक्स कम करना और नौकरशाही को कम करने के मुद्दे इस चुनाव में उठा रही है.
लेफ्ट पार्टी
जर्मनी की लेफ्ट पार्टी अपने चुनावी एजेंडे के तहत अमीर लोगों पर ज्यादा कर लगाने की बात कर रही है. साथ ही न्यूनतम वेतन 15 यूरो, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा और कम दूरी की उड़ानों और रेल यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है.
ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी)
एएफडी जर्मनी को यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकालने और यूरो को खत्म करने जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव में उतर रही है. साथ ही यह पार्टी कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र और परमाणु ऊर्जा स्टेशनों को दोबारा स्थापित करने की वकालत भी करती है.