यौन हिंसा के शिकारों के लिए संघर्ष करती महिला सुपर हीरो
२५ नवम्बर २०१९भारत में एक महिला सुपर हीरो यौन अपराधों से निपटने और तस्करी की शिकार हुई महिलाओं के ऊपर लगे कलंक से लड़ने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करेगी. इस कॉमिक सीरीज की तीसरी कड़ी इस हफ्ते रिलीज हो सकती है. सुपर हीरो का नाम है प्रिया. प्रिया के साथ भी बलात्कार हुआ था. अब वे एक महिला सुपर हीरो बन गई हैं और शेर पर बैठ कर उड़ती हैं. वे कॉमिक 'प्रिया की शक्ति' के माध्यम से अपने साथ गलत करने वालों से लड़ रही हैं और एसिड अटैक पीड़िताओं की मदद कर रही हैं. इस कॉमिक के दो संस्करण बाजार में आ चुके हैं.
सीरीज तैयार करने वाले फिल्म प्रोड्यूसर राम देविनेनी कहते हैं, "किशोरों और युवाओं के बीच में यह कॉमिक काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. हम किशोरों तक पहुंचना चाहते थे क्योंकि वे सेक्सुअलिटी, जेंडर रोल और यौन हिंसा के बारे में सीख रहे हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि हमने लैंगिक आधार पर हिंसा से पीड़ितों को आवाज दी और उनकी समस्या पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया."
भारत में हर साल हजारों की संख्या में गरीबों, ग्रामीण महिलाओं और बच्चों को नौकरी का लालच देकर उनकी तस्करी की जाती है. उन्हें आधुनिक गुलामी वाले कामों के लिए बेच दिया जाता है. हाल ही में जारी आपराधिक आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 2017 में भारत में करीब 3000 तस्करी के मामले सामने आए. हालांकि तस्करी रोकने के लिए काम करने वालों का कहना है कि जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसके मुकाबले वास्तविक संख्या कहीं ज्यादा है.
कॉमिक का नया संस्करण मंगलवार से डाउनलोड किया जा सकता है. इस संस्करण में दिखाया गया है कि प्रिया सेक्स के लिए तस्करी की जा रही पीड़ितों को बचाती हैं. इस बाद जब घर वाले उन पीड़ितों को वापस रखने से इनकार करते हैं तो उन समुदायों की चुनौतियों से निपटती हैं. 'प्रिया की शक्ति' इस तरह की पहली कॉमिक बुक है. 2014 में पहली बार इसे जारी किया गया था. इसमें एक ग्रामीण महिला की वास्तविक कहानी दिखाई गई थी जिसके साथ गैंग-रेप हुआ था. इस घटना के बाद महिला के परिजनों और समुदाय के लोगों ने भी उसे शर्मिंदा किया था.
'प्रिया और खोई लड़कियां' शीर्षक से जारी सबसे नए कॉमिक में वह अपने गांव लौटती है और अपनी बहन सहित सभी गुमशुदा महिलाओं की तलाश करती है. इस दौरान पता चलता है कि सभी महिलाओं को एक वेश्यालय में रखा गया है. महिलाओं को बचाने के लिए उसे वेश्यालय के मालिक से लड़ना होगा.
कॉमिक के रचनाकार कहते हैं कि यूं तो यह कहानी भारत की महिलाओं पर आधारित है लेकिन पूरी दुनिया की आवाज इसमें सुनाई देती है. कॉमिक किताब की लेखक दीप्ति मेहता कहती हैं, "पहली दुनिया के देश के लोग यह सोचते हैं कि सेक्स ट्रैफिकिंग तीसरी दुनिया की समस्या है. वे यह नहीं महसूस करते हैं कि यह उनके अगल-बगल भी होता है. यह वैश्विक स्तर पर हो रहा है. यह एक ऐसा धंधा बन चुका है जिसमें काफी पैसा है."
यह कहानी कोलकाता और मुंबई के रेड-लाइट एरिया में चल रहे वेश्यालयों में शोध के बाद तैयार की गई. मेहता कहती हैं, मैं एक आर्टिस्ट और निर्माता के तौर पर यह सोचती हूं कि यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि इसके खिलाफ जागरूकता पैदा की जाए. जरूरतमंदों की आवाज को उठाया जाए." देविनेनी कहते हैं कि प्रिया की शक्ति सीरीज को पांच लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है. पूरी दुनिया में करीब दो करोड़ 26 लाख से ज्यादा लोग इसे पढ़ चुके हैं.
आरआर/एनआर (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
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