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विवादों में उलझी जर्मन सेना

४ मई २०१७

जर्मन सेना बुंडेसवेयर के एक अधिकारी की गिरफ्तारी का मामला बड़े कांड में तब्दील होता जा रहा है. वह सीरियाई शरणार्थी की पहचान के साथ हमलों की योजना बना रहा था. जर्मन सेना में दुर्व्यवहार के मामले भी सामने आये हैं.

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Frankreich Bundesverteidigungsministerin Ursula von der Leyen in Illkirch
तस्वीर: Reuters/V. Kessler

जर्मन रक्षा मंत्री उर्सुला फॉन डेय लाएन द्वारा सेना की आलोचना के बाद बड़ा विवाद शुरू हो गया है. उन्होंने हाल में सेना में यौन दुर्व्यवहार और मानसिक यातना के मामले सामने आने और कथित नस्लवादी मामले में सेना के एक अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद बुंडेसवेयर में "नजरिये और नेतृत्व की समस्याओं" जिक्र किया था. इसकी वजह से वे सेना के आम जवानों के निशाने पर आ गई हैं जो उन पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी न लेने का आरोप लगा रहे हैं. फॉन डेय लाएन के लिए यह एक खतरनाक राजनीतिक संघर्ष है. वह देश की पहली महिला रक्षा मंत्री हैं और उन्हें अक्सर चांसलर अंगेला मैर्केल का राजनीतिक उत्तराधिकारी बताया जाता है.

सारे मामले की शुरुआत हफ्ता भर पहले सेना के एक 28 वर्षीय लेफ्टिनेंट की गिरफ्तारी से शुरू हुई जो श्ट्रासबुर्ग में जर्मन फ्रेंच टुकड़ी में तैनात था. अधिकारियों की नजर में वह तब चढ़ा जब ऑस्ट्रिया की पुलिस ने उसे वियना हवाई अड्डे पर एक हैंडगन के साथ गिरफ्तार किया. बाद में हुई जांच में पता चला कि 2015 में शरणार्थी लहर के दौरान उसने दमिश्क के फल कारोबारी डेविड बेंजामिन की जाली पहचान से शरणार्थी के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया था. अरबी न जानने के बावजूद उसे शरण मिल गई और सरकारी भत्ता भी मिलने लगा.

जांच अधिकारियों का आरोप है गिरफ्तार संदिग्ध उग्र दक्षिणपंथी विचारों का समर्थक है और कम से कम एक साथी के साथ विदेशियों को बदनाम करने के लिए हमले की योजना बना रहा था. मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि उसके पास एक लिस्ट थी जिसमें पूर्व राष्ट्रपति योआखिम गाउक और वामपंथी नाजीविरोधी सांसदों सहित कुछ प्रमुख राजनीतिज्ञों के नाम थे. वे हमलों का लक्ष्य थे. चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू पार्टी के रक्षा प्रवक्ता हेनिंग ऑटे का कहना है कि गिरफ्तार लेफ्टिनेंट उग्र दक्षिणपंथी विचारों वाले सैनिकों के एक ग्रुप का हिस्सा हो सकता है. "इस बात की गंभीरता से जांच होनी चाहिए कि वहां उग्र दक्षिणपंथी ढांचे किस तरह विकसित हुए हैं."

एएफपी के अनुसार गिरफ्तार लेफ्टिनेंट ने 2014 में अपनी मास्टर थिसिस में उग्र दक्षिणपंथी विचार व्यक्त किए थे और दलील दी थी कि आप्रवासन पश्चिमी यूरोप में "नरसंहार" ला रहा है और "यह गणितीय तथ्य" है. इस थिसिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. रक्षा मंत्री ने इसे "पलटन की भावना की गलत समझ" बताया था. रक्षा मंत्री ने इन मामलों की वजह से सेना के अनुशासन नियमों में संशोधन करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि वे जानना चाहती हैं कि मॉबिंग और यौन अपमान के मामलों की जानकारी मंत्रालय को क्यों नहीं दी गई.

बुधवार को फॉन डेय लाएन ने स्ट्रासबुर्ग में उस चौकी का दौरा किया जहां लेफ्टिनेंट तैनात था. वहां कॉमनरूम में रखे नाजी सेना की यादगार निशानियों की आलोचना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध की जर्मन सेना का आज के बुंडेसवेयर से कुछ भी लेना देना नहीं है. रक्षा मंत्री ने सेना में भर्ती के समय अपमानजनक और उत्पीड़क परंपराओं और महिला सैनिकों को पोल डांस के लिए मजबूर करने जैसी घटनाओं की भी आलोचना की. "अंधेरे में रोशनी लाने" का वादा करने वाली रक्षा मंत्री सेना की समस्याओं पर करीब 100 जनरलों और एडमिरलों से चर्चा कर रही हैं. सेना की खुफिया सेवा करीब उग्र दक्षिणपंथ के करीब 280 मामलों की जांच कर रही है.

एमजे/एके (एएफपी, डीपीए)