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अपराधसंयुक्त राज्य अमेरिका

क्रिप्टो स्कैमः भारतीय महिला खो बैठी ढाई करोड़ रुपये

२६ फ़रवरी २०२४

अमेरिका में रहने वाली भारतीय मूल की श्रेया दत्ता क्रिप्टो करंसी स्कैम का शिकार हुईं और अपनी सारी जमापूंजी खो बैठीं. लेकिन ऐसी वह अकेली नहीं हैं.

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बिटकॉइन सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी है
क्रिप्टोकरंसी स्कैम पूरी दुनिया में फैल रहे हैंतस्वीर: YAY Images/IMAGO

उसने खुद को वाइन का व्यापारी बताया था. महीनों तक वह श्रेया दत्ता से इंटरनेट पर प्यार भरी बातें करता रहा. फिर एक दिन फिलाडेल्फिया में रहने वालीं 37 साल की श्रेया दत्ता को उसने झटका दिया. यह झटका 4.5 लाख डॉलर यानी लगभग ढाई करोड़ रुपये का था.

क्रिप्टोकरंसी के इस नई तरह के ‘रोमांस स्कैम' की शिकार बनीं श्रेया दत्ता की सारी उम्र की बचत तो गई ही, वह कर्जे में भी दब गईं. आधुनिक तकनीक के इस स्कैम में शिकारी डीपफेक वीडियो और अन्य तरीकों का ऐसा इस्तेमाल कर रहे हैं कि श्रेया कहती हैं, उन्हें लगा जैसे किसी ने "उनका दिमाग ही हैक कर लिया था.”

अमेरिका में इस तरह की धोखाधड़ी को "पिग बुचरिंग" यानी सुअर को काटना कहा जाता है. हालांकि तौर-तरीका इस धोखाधड़ी में भी वही है, जो पहले से इस्तेमाल होता आया है. पहले पीड़ित को प्यार-मोहब्बत के जाल में फांसा जाता है. उसके बाद उन्हें क्रिप्टो करंसी में फर्जी निवेश के लिए उकसाया जाता है.

अधिकारियों का माना जाता है कि यह स्कैम दक्षिण पूर्व एशिया के बड़े अपराध गिरोहों द्वारा चलाया जा रहा है जिसके कारण सिर्फ अमेरिका में लोगों के अरबों डॉलर ठगे जा चुके हैं और उस धन की वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है.

कैसे हुई शुरुआत?

अपने जैसे बहुत सारे पीड़ितों की तरह श्रेया दत्ता की कहानी भी "हिंज" नाम की एक डेटिंग ऐप के जरिए शुरू हुई थी. इस ऐप पर पिछले साल जनवरी में वह आंसेल नाम के एक व्यक्ति से मिलीं, जिसने खुद को फिलाडेल्फिया में रहने वाला फ्रांसीसी वाइन व्यापारी बताया.

दत्ता बताती हैं कि वह बहुत जल्द उस व्यक्ति के आकर्षण का शिकार हो गईं और बातचीत डेटिंग ऐप से वॉट्सऐप पर आ गई. एक्सरसाइज के लिए उत्साही और सपनीली मुस्कुराहट वाले "आंसेल" ने दत्ता पर ही पूरा ध्यान देने के लिए अपनी हिंज प्रोफाइल भी डिलीट कर दी. दत्ता कहती हैं कि ऑनलाइन रिश्तों के जमाने में यह बहुत ताजा अनुभव था.

उन्होंने एक-दूसरे को सेल्फी और तस्वीरें तो भेजी ही, कई बार वीडिया पर भी बात की. उन वीडियो कॉल्स में आंसेल अपने कुत्ते के साथ रहने वाला एक शर्मीला इंसान नजर आया. लेकिन बाद में पता चला कि वह एआई से बनाया गया डीपफेक था.

आंसेल बातचीत में दत्ता की छोटी-छोटी चीजों में दिलचस्पी लेता था, जैसे उन्होंने खाना खाया या नहीं. अपने तलाक के बाद इस तरह की तवज्जो मिलने से दत्ता आकर्षण से बंध गई थीं. लेकिन व्यक्तिगत रूप से मिलने की योजना हमेशा टलती रही. पिछले साल वैलंटाइंस डे पर उन्हें फूलों का गुलदस्ता भी मिला था. जब दत्ता ने उन फूलों के साथ अपनी सेल्फी वॉट्सऐप पर भेजी तो जवाब में चुंबनों की बौछार मिली.

उसके बाद आंसेल ने दत्ता को एक सपना बेचना शुरू किया. उसकी शुरुआत कुछ इस तरह हुई, "मैं जल्दी रिटायर हो रहा हूं. ठीकठाक पैसा कमा लिया है. तुम्हारे क्या प्लान हैं?”

भारत से अमेरिका में बसीं एक प्रवासी दत्ता बताती हैं, "उसने बताया कि उसने निवेश से इतना पैसा कमाया है. वह पूछता था कि क्या वाकई मैं 65 साल की उम्र तक काम करती रहना चाहती हूं.”

...और फिर आघात

आंसेल ने दत्ता को एक क्रिप्टो ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करने के लिए लिंक भेजा. इसमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का फीचर भी था, जिससे सब ठीक लगा. उसके बाद उसने निवेश करने के लिए कुछ टिप्स भी दिए.

दत्ता ने अपनी बचत में से कुछ धन को क्रिप्टोकरंसी में कन्वर्ट कर लिया. उस फर्जी ऐप पर शुरुआत में उन्हें मुनाफा हुआ जो उन्होंने वापस डॉलर में कन्वर्ट भी कर लिया. इससे उनका हौसला बढ़ गया था.

दत्ता कहती हैं, "जब ट्रेडिंग में भारी-भरकम मुनाफा होता है तो आपकी खतरा उठाने क्षमता हिल जाती है. आपको लगता है कि यह तो गजब है, मैं और भी कमा सकती हूं.”

आंसेल ने दत्ता को और निवेश करने के लिए उकसाया. उसने कर्ज लेने और अपना रिटायरमेंट फंड भी निवेश कर देने को कहा. पिछले साल मार्च तक दत्ता करीब साढ़े चार लाख डॉलर का निवेश कर चुकी थीं और ऐप में यह धन दोगुना हो चुका था. लेकिन खतरे की घंटी तब बजी जब उन्होंने अपना पैसा वापस निकालना चाहा. तब ऐप ने टैक्स देने की मांग की.

तब दत्ता ने लंदन में रहने वाले अपने भाई से संपर्क किया. भाई ने आंसेल की फोटो का रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि वह फोटो जर्मनी में रहने वाले एक फिटनेस इंफ्लुएंसर की थी. वह बताती हैं,  "जब मुझे अहसास हुआ कि यह सब एक स्कैम था और सारा पैसा जा चुका है, तब मुझे पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण नजर आने लगे. मैं ना सो पा रही थी, ना खा पा रही थी. कुछ भी ठीक से नहीं कर पा रही थी. यह बहुत पीड़ादायक था.”

हजारों शिकार, अरबों की ठगी

श्रेया दत्ता जैसा अनुभव इतने लोगों को हो चुका है कि अब फेसबुक पर ऐसे पीड़ितों के ग्रुप्स बने हुए हैं. ‘टिंडर स्विंडलर डेटिंग स्कैम' और ‘आर वी डेटिंग द सेम गाई?' जैसे इन ग्रुप्स में एआई से बनाई गई तस्वीरों के जरिए स्कैम के खिलाफ आवाज उठ रही है.

अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के मुताबिक पिछले साल 40 हजार से ज्यादा लोगों ने ठगे जाने की शिकायत की थी. ठगी का कुल धन लगभग साढ़े तीन अरब डॉलर था, जो क्रिप्टोकरंसी के जरिए ठगा गया था. हालांकि अधिकारी कहते हैं कि ठगी का धन इससे कहीं ज्यादा हो सकता है क्योंकि बहुत से लोग शर्म के कारण सामने नहीं आते.

कैलिफॉर्निया स्थित वकील एरिन वेस्ट कहती हैं कि वह रोज ऐसे पीड़ितों मिलती हैं. उन्होंने कहा, "इस अपराध के बारे में सबसे भयानक बात यह है कि शिकारी का मकसद शिकार का एक-एक पैसा छीन लेना होता है.”

ऐसी ठगी का शिकार होने वाले लोगों की खुद को नुकसान पहुंचाने की संभावना भी बहुत ज्यादा होती है क्योंकि अधिकतर लोग अपना पैसा वापस नहीं पा सकते. कई लोग तो पैसा वापस पाने के दौरान भी फर्जी रिकवरी एजेंटों का शिकार हो जाते हैं.

दत्ता अब एक छोटे घर में रहने लगी हैं ताकि कर्ज चुका सकें. वह कहती हैं कि उन्होंने एफबीआई से शिकायत तो कर दी है लेकिन पैसा वापस पाने की उम्मीद ना के बराबर है. इस पूरी पीड़ा से उबरने के लिए वह थेरेपी ले रही हैं.

वीके/एए (एएफपी)

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