भारत, जापान की चीन पर नजर, मिलकर करेंगे सैन्य अभ्यास
८ सितम्बर २०२२रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टोक्यो में जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमादा के साथ इन विषयों पर बातचीत की. आठ सितंबर को दोनों रक्षा मंत्रियों के साथ दोनों देशों के विदेश मंत्री भी "टू प्लस टू" वार्ता में भाग लेंगे.
भारत के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सिंह ने "जापानी कंपनियों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया." मंत्रालय ने यह भी कहा कि दोनों मंत्रियों के बीच सहमति हुई की "पहले लड़ाकू अभ्यास के जल्द कराए जाने से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच काफी ज्यादा सहयोग और अंतर-सक्रियता के रास्ते खुलेंगे."
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चीन को लेकर चिंता
भारत और जापान दोनों पड़ोसी देश चीन समेत दूसरे बढ़ते सुरक्षा खतरों का सामना करने के लिए अपनी सेनाओं को सुदृढ़ करने में लगे हैं. जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने रक्षा खर्च में "काफी बड़ी मात्रा में" बढ़ोतरी का वादा किया है.
उनकी सत्तारूढ़ पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी जापान के सैन्य बजट को अगले पांच सालों में दोगुना कर देश की जीडीपी के दो प्रतिशत के बराबर करना चाहती है. इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं कि रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करना चीन को भी ताइवान के खिलाफ कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है.
भारत और जापान दोनों अपने प्रांत में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति को लेकर चौकन्ने हो रहे हैं. ऐसे में भारत जापान के साथ सुरक्षा संबंधों का विस्तार कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ दोनों देश क्वॉड समूह के भी सदस्य हैं और अंतर-सक्रियता के प्रदर्शन के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सालाना नौसैनिक अभ्यास आयोजित करते हैं.
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यूक्रेन युद्ध से बढ़ा खतरा
मई में हुई क्वॉड की पिछली बैठक में ताइवान पर चर्चा हावी रही. बैठक के एक ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान से चीन नाराज हो गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ताइवान की सुरक्षा के लिए वो शक्ति का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
बैठक के बीच ही रूसी और चीनी लड़ाकू विमानों ने प्रांत में साझा गश्त का आयोजन किया. किशिदा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अलग से द्विपक्षीय बैठक भी हुई थी, जिसमें दोनों नेताओं ने एक "मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत" के प्रोत्साहन के लिए साथ मिलकर करीब से काम करेंगे.
सीके/एए (रॉयटर्स)