क्या है जानलेवा कोरोना वायरस?
२४ जनवरी २०२०चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक कोरोना वायरस इंसानों के बीच तेजी से फैलने वाला वायरस है. यह वायरस जैसे ही किसी दूसरे इंसान पर संक्रमित होता है, इसका इलाज करना और मुश्किल हो जाता है. शोधकर्ता यह साफ नहीं कर पा रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमित होता कैसे है. कोरोना वायरस के अलग अलग प्रकार हैं. बाकि के कोरोना वायरस खांसी और छींकने से फैल सकते हैं और घातक नहीं होते, लेकिन इस बार फैल रहे वायरस में अभी तक ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं जिससे यह कहा जाए कि यह वायरस संक्रमित हवा में सांस लेने से ही फैलता है. यह कैसे फैल रहा है इसकी जांच की जा रही है.
इस वायरस को पहली बार चीन के वुहान शहर के मांस और मछली बाजार में पाया गया गया था. इस बाजार को फिलहाल बंद कर दिया गया है. माना जा रहा है कि यह वायरस इंसान और संक्रमित जानवर के बीच सीधे संपर्क या हवा के माध्यम से फैला होगा. जो वायरस इंसान और जानवरों के बीच फैलते हैं उनसे "जूनोटिक" बीमारी कहा जाता है. जब इंसान संक्रमित पशु का मांस खाता है तब ऐसे वायरस फैल सकते हैं. जानवर के मांस को ठीक से पकाया ना गया हो या गंदी जगह में तैयार किया गया हो, तब भी यह वायरस फैल सकता है.
कोरोना वायरस के लक्षण
कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति को सिरदर्द, खांसी, गले में खराश, बुखार, लगातार छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना, थकान महसूस होना, निमोनिया हो जाना या फेफड़ों में सूजन जैसे लक्षण हो सकते हैं. बूढ़े व्यक्तियों के लिए यह वायरस और घातक हो सकता है क्योंकि जवान लोगों की तुलना में बूढ़े लोगों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है. विशेषज्ञों ने हाल ही में कोरोनो वायरस के जीन अनुक्रम को डिकोड किया जिसे 2019-एनसीओवी का नाम दिया गया है.
कोरोना वायरस को 1960 के दशक में पहली बार खोजा गया था. उसकी मुकुट जैसी आकृति की वजह से उसे कोरोना या क्राउन नाम दिया गया. ऐसे वायरस घातक नहीं होते हैं लेकिन कभी-कभी यह आंत से संबंधी बीमारियों को पैदा कर सकता हैं.
चीन के अलावा यह वायरस अब तक अमेरिका, थाईलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, और ताइवान को भी अपनी चपेट में ले चुका है. कोरोना वायरस एक आरएनए वायरस है जो बाकि वायरस से आनुवंशिक रूप में अलग है. इस वजह से यह दो अलग प्रजातियों के बीच आसानी से फैल सकता है और उन्हें संक्रमित कर सकता है. कुछ कोरोना वायरस सामान्य सर्दी जुकाम का कारण बन सकते हैं, तो कुछ गंभीर बीमारियों को विकसित कर सकते हैं. सांस लेने में कठिनाई, निमोनिया, आंत की बीमारियां मौत का कारण भी बन जाती हैं.
2002 और 2003 में कोरोना वायरस का एक प्रकार "सार्स" 30 देशों में फैल गया थी. दुनिया भर में आठ हजार से ज्यादा लोग सार्स से संक्रमित हो गए थे. एक हजार लोग मारे गए थे. इसी तरह 2012 में अरब देशों में मर्स यानी मिडल ईस्ट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम जैसा कोरोना वायरस मिला था.
क्या वायरस को रोका जा सकता है?
जवाब है, हां. इसे रोकने के लिए आपको खुद की साफ सफाई पर विशेष तौर पर ध्यान देना होगा. अगर आप बाहर से आ रहे हैं या संक्रमित व्यक्ति या जंगली जानवर के संपर्क में रहे हों तो घर आकर हाथों को जरूर धो लें. हालांकि दुनिया भर के हवाई अड्डों और विशेष रूप से चीन ने यात्रियों की जांच शुरू कर दी गई है. इस वायरस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की भी मांग उठ रही है, जिसका मतलब है कि इन इलाकों में अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सीमित कर दिया जाएगा और हवाई अड्डों पर विशेष उपचार केंद्र बना दिए जाएंगे.
ऐसे वायरस अर्थव्यवस्था को भी बीमार कर सकते हैं. कोरोना वायरस ने एशियाई शेयर बाजारों को प्रभावित किया है. 2002 से 2003 तक सार्स के कारण एशिया के बाजारों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी थी जिसमें पर्यटन उद्योग प्रमुख था.
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