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मौसम की भयानक मार झेल रहा है यूरोप

८ अगस्त २०२३

मौसम के तीखे तेवरों ने पूरे यूरोप की हालत खराब कर दी है. एक तरफ भारी बारिश, आंधी-तूफान और भूस्खलन ने हालत बिगाड़ रखी है तो दूसरी तरफ यूरोप का ही एक बड़ा हिस्सा भयानक सूखा और जंगल की विनाशकारी आग से जूझ रहा है.

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बाढ़ के पानी में कई इमारतें और गाड़ियां तबाह हुई हैं
बाढ़ और भूस्खलन ने स्लोवेनिया का बुरा हाल किया हैतस्वीर: Fedja Grulovic/REUTERS

मंगलवार को लातविया की आंधी में एक आदमी की मौत हो गई और 8 दूसरे लोग घायल हो गए. तेज हवाएं, बारिश और आंधी ने सोमवार को ही लातविया, एस्तोनिया और लिथुआनिया पर धावा बोला था. इसकी चपेट में आ कर इमारत और गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है जबकि पेड़ अपनी जड़ों से ही उखड़ गए हैं. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक हजारों घरों में बिजली की सप्लाई सोमवार से ही बंद है. यूरोप के कई हिस्से प्रकृति की आपदाओं का सामना कर रहे हैं.

स्लोवेनिया में बाढ़ और भूस्खलन

स्लोवेनिया में जर्मन राहतकर्मियों के पहले दल ने भयानक बाढ़ और भूस्खलन के बाद राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया है. सोमवार को बचाव दल के विशेषज्ञ एक्सकेवेटर के साथ यहां पहुंच गए. उनके बीचे स्वयंसेवकों और बचावकर्मियों का दल भी वहां पहुंच रहा है.

कहीं सड़कें टूटी हैं तो कहीं रेललाइन
बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में स्लोवेनिया तस्वीर: Luka Dakskobler/SOPA/ZUMAPRESS.com/picture alliance

स्लोवेनिया के हालात कुछ कुछ वैसे ही हैं जैसे कि जर्मनी में दो साल पहले आर घाटी में आई भीषण बाढ़ के बाद हुए थे. जुलाई 2021 में आई उस बाढ़ में 185 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घरों को भारी नुकसान पहुंचा था.

जंगलों की आग के नुकसान से कैसे उबरेगा यूरोप का पर्यटन उद्योग

सप्ताहांत में स्लोवेनिया ने यूरोपीय संघ के आपदा राहत तंत्र को सक्रिय किया था. इसके बाद जर्मनी और फ्रांस ने तुरंत बचावकर्मियों के दल को साजोसामान के साथ रवाना कर दिया. बाढ़ और भूस्खलन की वजह से यहां भारी नुकसान हुआ है. कई गांवों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. सड़कें और रेललाइनें पानी में डूबी हुई हैं. सोमवार को अधिकारियों ने बताया कि स्लोवेनिया, ऑस्ट्रिया और क्रोएशिया में छह लोगों की मौत हो गई.

तूफान की चपेट में स्वीडन और नॉर्वे

इस बीच स्कैंडिनेवियाई देश भी हांस तूफान के साथ आई बाढ़ से जूझ रहे हैं. नॉर्वे की कई सड़कें मंगलवार को बाढ़ और भूस्खलन की वजह से बंद र हीं. कई म्युनिसिपल्टियों के 100 से ज्यादा लोगों को उनके घरों से निकाल कर सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है. नॉर्वे के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि चरम मौसमी परिस्थितियों के कारण आए संकट से फिलहाल राहत के आसार नहीं हैं. बुधवार को भी भारी बरसात होने की आशंका है खासतौर से ओस्लो के उत्तरी इलाकों में.

ऑस्ट्रिया की सड़कों पर नाव के सहारे चलते लोग
मौसम की मार झेल रहा है यूरोपतस्वीर: Erwin Scheriau/APA/AFP/Getty Images

हांस तूफान ने पहले स्वीडन में कदम रखे और फिर जल्दी ही नॉर्वे की तरफ चला गया. स्टॉकहोम से करीब 300 किलोमीटर दूर हुडिक्सवालके पास दो यात्री ट्रेन पटरी से उतर गए. यह तूफान स्कैंडिनेवियाई देशों में अभी अगले कई और दिन तक बना रहेगा ऐसी आशंका जताई गई है.

बाढ़ से होने वाले नुकसान को कैसे किया जा सकता है कम

मंगलवार को स्वीडन के एक टाउन में स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब रात के वक्त आरे नदी का पानी अपने किनारों को तोड़ कर बहने लगा. मीडिया में आई तस्वीरों में सड़कों पर पानी भरा दिख रहा है. 

पुलिस ने भारी नुकसान होने की जानकारी दी है. पश्चिमी तटवर्ती शहर गोथेनबुर्ग में भी गोटा आल्व नदी अपने किनारों को तोड़ कर बह रही है.

ऑस्ट्रिया के परिवहन तंत्र को खराब मौसम के चलते भारी नुकसान हुआ है
ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया और क्रोएशिया भारी बरसात से जूझ रहे हैंतस्वीर: Gerd Eggenberger/APA/AFP

दक्षिणी ऑस्ट्रिया में भारी बारिश

दक्षिणी ऑस्ट्रिया में भी बाढ़ ने परिवहन तंत्र को बहुत नुकसान पहुंचाया है. अनुमान है कि इसकी वजह से करीब 1.54 करोड़ यूरो कीमत की सुविधाएं नष्ट हो गई हैं. दक्षिणी ऑस्ट्रियाई प्रांत कारिंथिया में 170 सड़कें बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आ कर तबाह हो गई हैं. मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिणी ऑस्ट्रिया में गुरुवार से ले कर सोमवार तक अगस्त के औसत से ज्यादा बारिश हुई है.

यूरोप में गर्मी से करीब 61,000 लोगों की जान गई

स्लोवेनिया से लगते सीमावर्ती इलाके में महज पांच दिनों में 300 मिलीमीटर से ज्यादा बरसात हुई है. स्लोवेनिया में भारी नुकसान पहुंचाने वाले तूफान के बाद ऑस्ट्रिया की आपातकालीन सेवाओं का कहना है कि पानी धीरे धीरे नीचे उतर रहा है और स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि दमकल विभाग के कर्मचारी अभी भी सड़कों और इमारतों के मलबे की सफाई में जुटे हुए हैं. कितने मकान और दुकानों को नुकसान पहुंचा है इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.

एनआर/एडी (डीपीए)