कौन हैं एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू?
२२ जून २०२२झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर चुना है. ओडिशा की आदिवासी मूल की मुर्मू का सामना पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा से होगा जिन्हें विपक्ष ने अपना साझा उम्मीदवार बनाया है. अगर राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो द्रौपदी मुर्मू इस पद पर पहुंचने वालीं देश की पहली आदिवासी महिला होंगी.
चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है. 21 जुलाई को मतदान होगा और 25 जुलाई को नये राष्ट्रपति शपथ लेंगे.
द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान बीजेपी संसदीय दल की बैठक के बाद किया गया. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि संसदीय दल ने 20 नामों पर विचार किया और फिर यह फैसला किया गया कि इस पद के लिए पूर्वी भारत से किसी महिला आदिवासी को चुना जाए.
मुर्मू के नाम की घोषणा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कहा कि द्रौपदी मुर्मू ने जीवन की कठिनाइयां देखी हैं. उन्होंने कहा, "वे करोड़ों लोग जिन्होंने अत्याधिक गरीबी देखी है और मुश्किलें सही हैं, वे श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी से प्रेरणा पाते हैं. नीतिगत मामलों की उनकी समझ और करुणामयी स्वभाव से देश को लाभ होगा."
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?
64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू 2017 में भी राष्ट्रपति पद के लिए मजबूद दावेदार थीं लेकिन तब बिहार के तत्कालीन राज्यपाल और दलित नेता राम नाथ कोविंद को प्राथमिकता दी गई. मुर्मू का राजनीति करियर लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है. उन्होंने एक पार्षद के तौर पर राजनीति की शुरुआत की थी. ओडिशा से दो बार भारतीय जनता पार्टी की विधायक रहीं मुर्मू को बीजेडी-बीजेपी सरकार में नवीन पटनायक ने मंत्री भी बनाया था.
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मयूरभंज जिले की रहने वालीं मुर्मू ने ओडिशा में वाणिज्य, परिवहन और पशुपालन व मत्स्य मंत्रालय संभाले थे. 2000 के बाद 2009 में भी मुर्मू विधायक चुनी गई थीं, जबकि बीजेपी की हालत काफी खराब थी. 2015 में उन्हें झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनाया गया. मुर्मू का निजी जीवन त्रासद रहा है. उन्होंने अपने पति और दोनों बेटों को खोया है.
मुर्मू ने बीजेपी की मयूरभंज जिला इकाई की अध्यक्षता करने से लेकर रायरंगपुर सीट से विधायकी जीतने तक कई तरह की जिम्मेदारियां निभाई हैं. नवीन पटनायक ने भी उन्हें राष्ट्रपति पद की उम्मीवारी के लिए बधाई दी. ट्विटर पर पटनायक ने कहा, "देश के सर्वोच्च पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार बनने पर बधाई. जब प्रधानमंत्री ने मुझसे इस बारे में बात की तो मुझे खुशी हुई थी. ओडिशा के लोगों के लिए यह गर्व का पल है."
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि चुनाव में बीजेपी को नवीन पटनायक की मदद की उम्मीद है. उनके अलावा एक आदिवासी को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी झारखंड मुक्ति मोर्चा से भी समर्थन की उम्मीद कर रही है. बीजेडी और जेएमएम के समर्थन से एनडीए की स्थिति मजबूत हो जाएगी.
यशवंत सिन्हा विपक्ष के उम्मीदवार
इससे पहले विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को अपना साझा उम्मीदवार घोषित किया. पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा गैर-बीजेपी दलों के उम्मीदवार होंगे. उनके नाम पर सहमति बनने से पहले तीन नेताओं ने उम्मीदवारी के लिए मना कर दिया था. इनमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी शामिल हैं.
भारत में राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए होता है, यानी संसद के दोनों सदनों के सदस्य, सभी राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य और केंद्रशासित प्रदेशों व राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभाओं के सदस्य इस चुनाव में मतदान करते हैं. मुर्मू का जीतना तय माना जा रहा हैक्योंकि बीजेपी के पास 48 प्रतिशत इलेक्टोरल वोट है और एक आदिवासी को उम्मीदवार बनाकर उसने आदिवासी विधायकों के वोट पाने की संभावना भी बढ़ा ली है.
रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)