ट्रंप ने भरा था सिर्फ 750 डॉलर का टैक्स
२८ सितम्बर २०२०2016 में जब डॉनल्ड ट्रंप पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए खड़े हुए तब उनका आयकर का मामला लगातार सुर्खियों में रहा. हिलेरी क्लिंटन हर डिबेट में उनसे टैक्स के कागजात मांगती दिखीं और ट्रंप लगातार इससे इनकार करते रहे. अब चार साल बाद 2020 में वे एक बार फिर राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हैं और एक बार फिर इस पर चर्चा होने लगी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी के एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने 2016 में कुल 750 डॉलर का इनकम टैक्स भरा था. राष्ट्रपति बन जाने के बाद पहले साल यानी 2017 में भी उन्होंने इतना ही टैक्स भरा था. इतना ही नहीं, इससे पहले के 15 सालों में 10 साल उन्होंने टैक्स भरा ही नहीं. उनकी दलील थी कि व्यापार में उन्हें लगातार घाटा हो रहा था. अपने को सफल कारोबारी बताने वाले ट्रंप ने ना ही पैसा कमाया और ना ही उन्हें टैक्स देने की जरूरत पड़ी.
चुनाव जीतने से पहले ट्रंप ने लोगों से वादा किया था कि वे टैक्स के कागजात सार्वजनिक करेंगे लेकिन उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया. अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति निक्सन के बाद ट्रंप एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने अपने टैक्स की जानकारी को छिपा कर रखा है. रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ट्रंप से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इसे "फेक न्यूज" बता दिया. ट्रंप अकसर अपनी आलोचनाओं को फेक न्यूज बताते आए हैं. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "पहली बात तो यह कि मैंने बहुत रकम चुकाई है, मैंने बहुत सारा आयकर भी चुकाया है. मैं ये सब दिखाऊंगा."
जो बाइडेन को मिला मुद्दा
मंगलवार को अमेरिका में पहली बार प्रेसिडेंशियल डिबेट होनी है जिसमें राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप और जो बाइडेन पहली बार आमने सामने होंगे. ऐसे वक्त पर इस तरह की रिपोर्ट का सामने आना ट्रंप के लिए घातक साबित हो सकता है. जो बाइडेन ट्रंप पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. बाइडेन की टीम ट्विटर पर कैम्पेन चलाती नजर आ रही है जिसमें बाइडेन और ट्रंप के टैक्स की तुलना देखी जा सकती है. कमला हैरिस और बर्नी सैंडर्स द्वारा दिए गए टैक्स को भी तुलना के लिए दिखाया जा रहा है. 2017 में जहां सैंडर्स ने लगभग तीन लाख डॉलर और हैरिस ने करीब पांच लाख डॉलर टैक्स भरा, वहीं बाइडेन ने 37 लाख डॉलर से भी ज्यादा का कर चुकाया, जबकि ट्रंप ने महज 750 डॉलर.
इनकम टैक्स यूं भी जो बाइडेन के चुनाव अभियान का एक बड़ा मुद्दा रहा है. वे लंबे समय से अध्यापकों, नर्सों और दमकल कर्मियों के टैक्स को घटाने की पैरवी करते रहे हैं. इन लोगों को सालाना पांच से दस हजार डॉलर के बीच टैक्स भरना होता है. प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान बाइडेन का इसे मुद्दा बनाना लगभग तय ही दिख रहा है.
कैसे बचाया टैक्स?
आयकर बचाने के लिए लोग तरह तरह के उपाय खोजते हैं. कोई निवेश करता है तो कोई संपत्ति रिश्तेदारों के नाम पर दिखा देता है. लेकिन ट्रंप ने अलग ही पैंतरे अपनाए. 2004 से 2017 के बीच ट्रंप "द अप्रेंटिस" नाम का एक रियलिटी टीवी शो होस्ट करते थे. इस दौरान उन्होंने अपने ऐसे बहुत से खर्चे दिखा दिए जिनपर वे कर कटौती के हकदार बने. इसमें रहने का और विमान का खर्च शामिल था. यहां तक कि अपने बालों की स्टाइलिंग के लिए उन्होंने 70,000 डॉलर का खर्च भी दिखा डाला.
2018 की ट्रंप की फाइलें दिखाती हैं कि उन्होंने 43.4 करोड़ डॉलर की कमाई की लेकिन इसी दौरान उन्हें 4.7 करोड़ का नुकसान भी हुआ. साल 2000 में उन्होंने 31.5 करोड़ डॉलर के नुकसान की बात कही. क्योंकि डॉनल्ड ट्रंप का व्यापार अमेरिका के बाहर भी कई देशों में फैला हुआ है, इसलिए उन्हें विदेशों में भी कर चुकाना होता है. रिकॉर्ड दिखाते हैं कि 2017 में उन्होंने फिलीपींस में 15.6 लाख और भारत में 14.5 लाख डॉलर का टैक्स भरा, जबकि अमेरिका में इस दौरान उन्होंने केवल 750 डॉलर का टैक्स ही भरा.
रिपोर्ट: ईशा भाटिया (एएफपी, एपी)
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore
ये हैं दुनिया के 10 सबसे बड़े टैक्स हेवन