जर्मनी में हर घंटे 13 औरतों के साथ घर में मारपीट
२४ नवम्बर २०२२कुल संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ साथ ऐसी हिंसा का सामना करने वालों में महिलाओं की संख्या भी कहीं ज्यादा है. जर्मन सरकार ने इस बारे में जारी एक नई रिपोर्ट में 2021 में दर्ज हुए मामलों की संख्या को 143,604 बताया. माना जाता है कि असली मामले इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि जर्मनी जैसे विकसित देश में भी सभी मामलों की आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई जाती.
करीबियों के हाथों हिंसा झेलती महिलाएं
पूरे जर्मनी में इस साल घरेलू हिंसा के शिकारों में 80 फीसदी से अधिक महिलाएं थीं. वहीं कथित हिंसा करने वालों में लगभग इतने ही पुरुष थे. पारिवारिक मामलों की मंत्री लीसा पाउस ने राजधानी बर्लिन में इस रिपोर्ट को पेश करने के मौके पर कहा, "हर घंटे औसतन 13 महिलाएं अपने करीबी पार्टनर के हाथों हिंसा झेलती हैं. लगभग हर दिन कोई पार्टनर या पूर्व-पार्टनर एक महिला को जान से मारने की कोशिश करता है. लगभग हर तीसरे दिन एक महिला अपने मौजूदा या पूर्व पार्टनर के हाथों जान से मार दी जाती है. यह है सच्चाई. यह भी सच है कि इसके कितने ही शिकार मदद मांगने में भी डरते हैं."
पाउस ने खुद माना कि खासकर महिलाओं की मदद के लिए बनाई गई सेवाओं का भी विस्तार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द ऐसा करना होगा ताकि भविष्य में जर्मनी में कहीं भी महिलाओं को एक सुरक्षित ठिकाना, सही सलाह और मदद मिल सके."
कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की जरूरत
जर्मनी की आंतरिक मामलों की मंत्री नैंसी फेजर का मानना है कि अपराध करने वालों को उनके किए की सजा दिलवाना भी बेहद जरूरी है. उनका कहना है, "जो पुरुष महिलाओं के खिलाफ हिंसा करते हैं, चाहे वह मानसिक हो या शारीरिक, वे अपराधी हैं, और अपराधी को उनके किये की हम गंभीर से गंभीर सजा देंगे."
फेजर ने घरेलू हिंसा करने वालों को "घृणित और आधारभूत सामाजिक मूल्यों के खिलाफ" बताया. आंकड़े दिखाते हैं कि 2020 के मुकाबले 2021 में घरेलू हिंसा के दर्ज मामलों में 3 फीसदी की कमी आई है. लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि इनको पूरे समाज के लिए प्रतीकात्मक तौर पर सही मानना चाहिए या नहीं. कारण यह है कि 2020 में लंबी अवधि तक चले लॉकडाउन के दौरान वैसे भी बहुत से पीड़ित अपनी शिकायतें दर्ज नहीं करवा पाये थे.
आरपी/एनआर (एपी)