दूषित हवा में सांस लेने से होती हैं ये बीमारियां
भारत के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरे के लेवल से बहुत ऊपर है. हाल में दिल्ली एक धूम्रपान ना करने वाली लड़की को कैंसर सामने आया था. प्रदूषण हमें सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन बीमार कर के जरूर मारता है.
दमा
दूषित हवा से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और अगर यह तकलीफ दमे का रूप ले ले, तो जानलेवा भी साबित हो सकती है. खास कर बच्चों पर इसका बेहद बुरा असर होता है.
खराब फेफड़े
सिगरेट पीना फेफड़ों की लिए हानिकारिक माना जाता है लेकिन अगर हवा ही दूषित हो, तो क्या किया जाए? दिल्ली के हाल ऐसे रहे हैं कि एक दिन वहां सांस लेना 44 सिगरेट पीने के बराबर था.
निमोनिया
निमोनिया का ताल्लुक भी फेफड़ों से ही है. दूषित हवा के साथ निमोनिया का बैक्टीरिया शरीर के अंदर चला जाता है और तेज बुखार हो जाता है.
ब्रोंकाइटिस
हवा के साफ ना होने पर थोड़ी बहुत खांसी और आंखों में जलन आम सी बात हो गयी है लेकिन अगर यह ब्रोंकाइटिस का रूप ले ले, तो इससे जान पर खतरा हो सकता है.
कमजोर दिल
दूषित हवा दिल के दौरे और खून की धमनियों को ब्लॉक करने के लिए भी जिम्मेदार है. आप खाने का जितना भी परहेज कर लें लेकिन अगर हवा ही साफ नहीं होगी, तो बीमारी से बचना मुमकिन नहीं है.
खून का कैंसर
पेट्रोल और डीजल का धुआं सांस के साथ हमारे शरीर में जाता है और खून में मिल जाता है. इससे खून के कैंसर का खतरा बन जाता है.
यकृत का कैंसर
यकृत यानि लिवर भी दूषित हवा के चलते ठीक से काम करना बंद कर देता है. इसमें छोटे छोटे ट्यूमर बन जाते हैं, जो जानलेवा होते हैं.
फेफड़ों का कैंसर
प्रदूषण के कारण होने वाला यह सबसे आम किस्म का कैंसर है. भारत, चीन और पाकिस्तान में दूषित हवा के कारण फेफड़ों के कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
ऑटिज्म
रिसर्च दिखाती है कि गर्भावस्था के दौरान दूषित हवा में सांस लेने से गर्भ में ही बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और नवजात ऑटिस्टिक हो सकता है.
वक्त से पहले मौत
आंकड़े बताते हैं कि भारत में सालाना दस लाख से ज्यादा लोगों की जान प्रदूषित हवा में सांस लेने के कारण जा रही है. वक्त से पहले हो रही इन मौतों को रोका जा सकता है.