1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
विज्ञानब्रिटेन

ब्रिटेन में मिला डायनासोरों का 16 करोड़ साल पुराना 'हाईवे'

३ जनवरी २०२५

शोधकर्ताओं को ब्रिटेन के ऑक्सफर्डशर में पत्थर की एक खदान में मिट्टी के नीचे दबे हुए डायनासोरों के 16 करोड़ साल पुराने 200 पदचिन्ह मिले हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि डायनासोरों के बारे में अभी कई बातें पता चलना बाकी है.

https://p.dw.com/p/4omWm
डायनासोर का पदचिन्ह
यहां मांसाहारी डायनासोर मेगालोसौरस के पदचिन्ह भी मिले हैं, जिसके एकदम अलग तीन उंगलियों वाले पंजे हुआ करते थेतस्वीर: vEmma Nicholls/OUMNH via AP/picture-alliance

ऑक्सफर्डशर के दिवार्स फार्म क्वॉरी में इन पदचिन्हों की खोज ऑक्सफोर्ड और बर्मिंघम विश्वविद्यालयों की टीमों ने की. इन टीमों ने पांच लंबे रास्तों का पता लगाया जिन पर ये डायनासोर कभी चले होंगे. इसे एक तरह के "डायनासोर हाईवे" का हिस्सा कहा जा सकता है.

आसपास के इलाकों में इस तरह के और रास्तों के भी सबूत मिले हैं. लगातार पाए जाने वाले पदचिन्हों का सबसे लंबा ट्रैक 150 मीटर से भी ज्यादा लंबा पाया गया. चार ट्रैक लंबी गर्दन वाले शाकाहारी डायनासोर सॉरोपॉड के हैं.

क्या मिले थे शाकाहारी और मांसाहारी डायनासोर?

वैज्ञानिकों का मानना है कि इनके सबसे ज्यादा संभावना सेटियोसौरस के होने की है, जो डिप्लोडोकस का एक तरह का कजिन था और 18 मीटर तक लंबा हो सकता था. बर्मिंघम विश्वविद्यालय ने बताया कि पांचवां ट्रैक नौ मीटर लंबे मांसाहारी मेगालोसौरस का है, जिसके एकदम अलग तीन उंगलियों वाले पंजे हुआ करते थे.

पदचिन्हों के लिए खुदाई का काम करते टीम के सदस्य
यहां डायनासोरों के करीब 200 पदचिन्ह मिले हैंतस्वीर: Emma NICHOLLS/Oxford University Museum of Natural History/AFP

एक इलाके में मांसाहारी और शाकाहारी डायनासोरों के ट्रैक एक दूसरे को क्रॉस भी कर रहे हैं, जिससे ये सवाल उठे हैं कि दोनों क्या एक दूसरे से मिले थे और अगर मिले थे तो उनका व्यवहार कैसा रहा होगा.

डायनासोर के मल में छिपे रहस्य

वैज्ञानिकों को खदान में तब बुलाया गया जब वहां काम करने वाले गैरी जॉनसन को खुदाई करते समय "असामान्य उभार" महसूस हुए. जून 2024 में दोनों विश्वविद्यालयों की 100 से भी ज्यादा सदस्यों की टीमों ने मिल कर एक हफ्ते तक खुदाई की.

टीमों ने करीब 200 पदचिन्ह खोज निकाले, 20,000 तस्वीरें लीं और ड्रोन के इस्तेमाल से विस्तृत थ्रीडी मॉडल भी बनाए. यह खोज इसी इलाके में 1997 में हुई खोजों से जुड़ी हुई है, जब चूना पत्थर के खनन के दौरान 40 जोड़ों से भी ज्यादा पदचिन्ह मिले. कुछ ट्रैक 180 मीटर तक लंबे पाए गए थे.

मिल सकते हैं कई जवाब

जानकारों का कहना है कि नई खोज कई सवालों पर रौशनी डाल सकती है, जैसे डायनासोर कैसे चलते थे, कितनी गति हासिल कर लेते थे, आकार में कितने बड़े थे, क्या वे एक दूसरे से मिलते जुलते थे और अगर हां, तो कैसे.

वो कंकाल जिसने खोला डायनासोरों का राज

ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में पृथ्वी वैज्ञानिक डॉक्टर डंकन मरडॉक ने बताया, "संरक्षण इतना बारीक है कि हमें यह भी दिख रहा है कि डायनासोरों के पैरों के मिटटी में धंसने और निकलने की वजह से मिटटी का रूप कैसे बदला होगा."

उन्होंने यह भी बताया, "बिलों, शेल और पौधों जैसे अन्य जीवाश्मों के साथ साथ हम उस पूरे दलदली वातावरण का पता लगा सकते हैं जिससे डायनासोर गुजरे थे." मेगालोसॉरस पहला डायनासोर था जिसे वैज्ञानिक रूप से नाम दिया था और उसके बारे में विस्तार से बताया गया था.

कैसे खत्म हुए डायनासोर

यह 1824 में हुआ था और उसी के बाद से डायनासोर विज्ञान और इसमें लोगों की रुचि का ऐसा दौर शुरू हुआ जो 200 सा बाद आज भी चल रहा है.

ऑक्सफोर्ड संग्रहालय में वर्टेब्रेट पैलियांटोलॉजिस्ट एमा निकोलस का कहना है, "वैज्ञानिक धरती पर किसी भी दूसरे डायनासोर से ज्यादा समय से मेगालोसॉरस के बारे में जानते हैं और अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन फिर भी यह खोज दिखाती है कि अभी भी इन पशुओं से जुड़े नए सबूत बाहर मौजूद हैं और खोजे जाने का इंतजार कर रहे हैं."

सीके/वीके (रॉयटर्स/पीएमीडिया/डीपीए)