दिल्ली: छह साल से अधिक सजा वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच
३१ अगस्त २०२२मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्होंने छह साल से अधिक सजा वाले अपराधों के लिए फॉरेंसिक जांच करने के निर्देश दिए. दिल्ली पुलिस के आयुक्त संजय अरोड़ा ने इसके बाद एक आदेश जारी कर उन अपराधों में फॉरेंसिक साक्ष्य एकत्र करना अनिवार्य कर दिया, जहां सजा छह साल से अधिक है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा कि स्थायी आदेश के जारी होने के साथ दिल्ली ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां सभी गंभीर मामलों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य कर दी गई है.
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उस अधिकारी ने एक अंग्रेजी अखबार को नाम न छापने की शर्त पर कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशों के बाद दिल्ली ने तेजी से काम किया है और एमएचए के निर्देशों को लागू करने वाला वह पहला राज्य बन गया है."
स्थायी आदेश में पुलिस आयुक्त ने साफ तौर पर कहा है कि दिल्ली पुलिस की प्रत्येक जिले में अपनी मोबाइल क्राइम टीम वैन है. ये वैन अपराध के बाद वहां से फॉरेंसिक सबूत जुटाती है.
आदेश के मुताबिक, "इसके अलावा हर जिले को एक फॉरेंसिक मोबाइल वैन आवंटित की जाएगी ताकि जब भी कोई आवश्यकता हो, जांच अधिकारी को मौके पर वैज्ञानिक और फॉरेंसिक सहायता पहुंचाई जा सके. ये मोबाइल वैन पूरी तरह से वैज्ञानिक उपकरणों से लैस होंगी और ऐसी प्रत्येक वैन में पर्याप्त संख्या में फॉरेंसिक सहायकों को तैनात किया जाएगा."
शाह ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि गंभीर मामलों में पुलिस कानूनी जांच के बाद ही चार्जशीट दाखिल करे. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को यह भी बताया कि दिल्ली में नशीले पदार्थों पर नकेल कसने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है. शाह ने कहा, "दिल्ली-एनसीआर और आसपास के राज्यों में सक्रिय बहुराज्यीय आपराधिक गिरोहों पर नकेल कसने के लिए एक रणनीति तैयार की गई है."
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हालांकि, दिल्ली पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद दिल्ली में अपराध के मामले बढ़े हैं, इसकी तस्दीक राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की नई रिपोर्ट भी करती है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में महिलाओं और बुजुर्गों के साथ अपराध चिंताजनक है. एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के रोजाना 38 मामले दर्ज हुए.