देश, विदेश में केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बहस
२६ मार्च २०२४अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि अमेरिका ने करीब से केजरीवाल की गिरफ्तारी की खबरों पर नजर रखी हुई है. प्रवक्ता ने ईमेल पर रॉयटर्स को बताया कि अमेरिकी सरकार "मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और समयोचित कानूनी प्रक्रिया के लिए प्रोत्साहन देती है."
केजरीवाल को गुरुवार, 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली में अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. दिल्ली की एक निचली अदालत ने ईडी को केजरीवाल को 28 मार्च तक हिरासत में रखने की इजाजत दी है.
पहले जर्मनी, अब अमेरिका
शुक्रवार, 22 मार्च को जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सेबेस्टियन फिशर ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि किसी भी आरोपी की तरह केजरीवाल भी एक न्यायपूर्ण और निष्पक्ष मुकदमे के हकदार हैं.
उन्होंने यह भी कहा था कि जर्मनी को "उम्मीद है कि इस मामले में न्यायपालिका की स्वतंत्रता के मानक और मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू किए जाएंगे." भारत सरकार ने इस बयान पर नाराजगी जताई थी और भारत में जर्मनी के उप-राजदूत जॉर्ज एन्ज्वाइलर को बुलवा कर नाराजगी व्यक्त की थी.
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में जर्मनी की टिप्पणी को "पक्षपातपूर्ण", भारत की "न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप" और भारत की "न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने" के बराबर बताया था.
दूसरी तरफ दिल्ली में केंद्र सरकार केजरीवाल की गिरफ्तारी के राजनीतिक असर से जूझने की कोशिश कर रही है. मंगलवार, 26 मार्च को 'आप' के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने की कोशिश की तो पुलिस ने वहां धारा 144 लागू कर दी और कई लोगों को हिरासत में लिया.
दिल्ली में प्रदर्शन
इनमें अलग अलग राज्यों से आए पार्टी के कई कार्यकर्ताओं के साथ साथ पंजाब सरकार में मंत्री हरजोत बैंस भी शामिल हैं. रविवार को भी पार्टी ने प्रदर्शन किया था. विपक्षी पार्टियों के गठबंधन 'इंडिया' के बैनर के तले एक प्रेस वार्ता भी की गई थी, जिसमें कांग्रेस के नेताओं ने भी हिस्सा लिया था.
कांग्रेस, सीपीएम, शिवसेना, आरजेडी समेत लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की निंदा की है. केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा है कि केजरीवाल को गिरफ्तार चुनावी बॉन्ड मामले से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया गया है. 'इंडिया' गठबंधन ने 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विरोध रैली आयोजित करने की भी घोषणा की है.
दूसरी तरफ बीजेपी 'आप' और केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. पार्टी ने मांग की है कि केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें. केजरीवाल ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है, बल्कि चिट्ठियों के माध्यम से अपनी सरकार के मंत्रियों को आदेश दे रहे हैं.