सबसे ज्यादा इन देशों में दी जाती है मौत की सजा
बहुत से देशों में मौत की सजा खत्म कर दी गई है या उसे कुछ दुर्लभ मामलों के लिए सीमित किया जा रहा है. हालांकि अब भी कई देश हैं जहां यह जारी है. देखिए उन देशों को जहां सबसे ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी जाती है.
कितने देशों में फांसी की सजा
117 देशों ने फांसी की सजा पूरी तरह खत्म कर दी है. 9 देशों ने युद्ध के दौरान किए अपराधों को छोड़ कर बाकी सब में मौत की सजा पर रोक लगा दी है. 23 देश ऐसे हैं, जहां मौत की सजा अब भी दी जाती है, लेकिन बीते 10 सालों में किसी को यह सजा नहीं दी गई. 55 देशों में मौत की सजा अब भी दी जाती है.
चीन
चीन की सरकार मौत की सजाओं को गुप्त रखती है. इनके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती. अनुमान है कि हर साल यहां हजारों लोगों को मौज की सजा दी जाती है. मौत की सजा के लिए उन्हें गोली मारी जाती है या कुछ मामलों में जहर का इंजेक्शन दिया जाता है. 2022 में यहां करीब एक हजार लोगों को मौत की सजा दी जाने की जानकारी मिली थी.
ईरान
ईरान में दी गई 80 फीसदी से ज्यादा मौत की सजा गोपनीय रखी जाती है. हालांकि कुछ मौत की सजाओं का बकायदा एलान होता है. हर साल यहां फांसी की सजा पाने वाले लोगों की संख्या सैकड़ों मे होती है. 2020 में 246 तो 2021 में 314 लोगों को फांसी की सजा दी गई. चीन के बाहर दी जाने वाली मौत की सजाओं में 90 फीसदी ईरान, सऊदी अरब और मिस्र में दी जाती हैं.
सऊदी अरब
सऊदी अरब अकेला ऐसा देश है जहां अब भी लोगों का सिर काट कर मौत की सजा दी जाती है. साल 2020 में 27 लोगों को यह सजा मिली. इससे पहले के पांच सालों में यह औसत प्रति वर्ष 146 था. कोविड की महामारी भी इसका एक बड़ा कारण था. इसके बाद के सालों में फिर से मौत की सजा पाने वालों की संख्या बढ़ गई है. 12 मार्च 2022 को यहां 81 लोगों को मौत की सजा दी गई जो देश के इतिहास में सबसे ज्यादा है.
मिस्र
मिस्र में 2011 की क्रांति के बाद फांसी की सजाओं में बहुत बढ़ोत्तरी हुई है. कई मानवाधिकार संगठन यहां की सरकार पर मौत की सजा का इस्तेमाल राजनीतिक विरोध को दबाने में करने का आरोप लगाते हैं. यहां भी मौत की सजा को गोपनीय ही रखा जाता है. 2022 में यहां 536 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई. इसी साल 24 लोगों को फांसी पर लटकाया गया.
इराक
सबसे ज्यादा और अकसर मौत की सजा देने वाले देशों में इराक भी प्रमुख है. यहां का आतंकवाद रोधी कानून बहुत व्यापक और काफी अस्पष्ट है, इसी कानून के तहत बहुत से लोग मौत की सजा पाते हैं. की बार गाड़ियों की तस्करी और सरकारी दस्तावेज चुराने के दोषियों को भी मौत की सजा मिलती है. आमतौर पर यहां फांसी पर लटका कर मौत की सजा दी जाती है. 2022 में यहां करीब 7,900 लोग मौत की सजा के इंतजार में थे.
उत्तर कोरिया
मौत की सजा के लिए कुख्यात देशों में उत्तर कोरिया भी शामिल है. यहां उन चार देशों में एक है जहां सार्वजनिक रूप से मौत की सजा दी जाती है. हत्या, बलात्कार, जासूसी, राजनीतिक विरोध और सरकार की पाबंदी वाली मीडिया के इस्तेमाल पर भी यहां मौत की सजा मिल सकती है. मौत की सजा पाए लोगों के शव भी उनके परिजनों को नहीं सौंपे जाते.
यमन
यमन में भारतीय नर्स को मौत की सजा सुनाई गई है. हाल ही में यमन के राष्ट्रपति ने भी इस सजा पर मुहर लगा दी. 2021 में यमन में 14 लोगों को मौत की सजा दी गई. 2022 तक यहां 84 लोग मौत की सजा पाने का इंतजार कर रहे थे. आबादी के हिसाब से यहां मौत की सजा की दर काफी ज्यादा है. यहां गोली मार कर मौत की सजा दी जाती है और कभी कभी सार्वजनिक रूप से भी मौत की सजा मिलती है.
जापान
चीन की तरह जापान में भी मौत के सजा की तारीख की पहले से घोषणा नहीं होती. मरने वालों को 1-2 घंटे पहले ही इसका पता चलता है. सजा देने के बाद जेल अधिकारी लोगों को इसकी जानकारी देते हैं. ज्यादातर मामलों में कई लोगों की हत्या के लिए यहां मौत की सजा मिलती है. यहां भी फांसी पर लटका कर मौत की सजा दी जाती है. 2022 में यहां 116 लोग मौत की सजा पाने का इंतजार कर रहे थे.
अमेरिका
संयुक्त राज्य अमेरिका, अमेरिकी महाद्वीप में अकेला ऐसा देश है जहां अपराधियों को मौत की सजा मिलती है. इसके 50 में से 27 राज्य अब भी मौत की सजा देते हैं. अमेरिका में 2022 तक 2,46 कैदी यहां दशकों तक जेल में मौत की सजा का इंतजार करते हैं जो कई दशकों तक हो सकता है. यहां जहर का इंजेक्शन देने के साथ ही बिजली के झटके, जहरीली गैस, फांसी और गोली मार कर मौत की सजा दी जाती है.
भारत
भारत भी उन देशों में है जहां अब भी फांसी की सजा दी जाती है. फिलहाल यहां 539 कैदी मौत की सजा के इंतजार कर रहे हैं. आखिरी बार 2020 में यहां चार लोगों को मौत की सजा मिली थी. यह सभी निर्भया बलात्कार कांड के दोषी थे. भारत में फांसी पर लटका कर मौत की सजा दी जाती है.
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया में फांसी पर लटका कर मौत की सजा दी जाती है हालांकि अगर अपराध देश की सेना से जुड़ा हो, तो फिर दोषियों को गोली मारने का रिवाज है. 2021 तक यहां 60 कैदी मौत की सजा पाने के इंतजार में थे. आखिरी बार यहां 1997 में फांसी की सजा दी गई थी. (स्रोतः सभी आंकड़े मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल और वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की वार्षिक रिपोर्टों से लिए गए हैं.)