खाक हो गए हैं क्रिप्टोकरंसी में लगे 10 खरब डॉलर
१५ जुलाई २०२२क्रिप्टो लैंडर फर्म सेल्यिस नेटवर्क ने खुदको दिवालिया घोषित कराने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की है. कंपनी के एक लाख से ज्यादा ग्राहकों का पैसा डूब गया है. कंपनी ने कहा है कि उसने अपने कारोबार में स्थिरता लाने के मकसद से यह कदम उठाया है और अब वह पूरा ढांचा बदलने पर काम करेगी जो सभी हिस्सेदारों के लिए होगा. कंपनी ने न्यूयॉर्क में अर्जी दाखिल की है.
सेल्सियस दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो लैंडर कंपनियों में शामिल थी. उसने 18 प्रतिशत तक की ऊंची ब्याज दर की पेशकश कर रखी थी और 20 अरब डॉलर जुटा लिए थे लेकिन मई-जून में जब क्रिप्टो बाजार में उतार शुरू हुआ तो कंपनी के ग्राहकों में भी हड़बड़ी मच गई और वे अपना निवेश वापस मांगने लगे. तब मध्य जून में कंपनी ने धन वापस निकालने पर रोक लगा दी थी. ताजा बयान में सेल्सियस ने कहा है कि उसकी संपत्ति और देनदारियों की कुल कीमत एक से दस अरब डॉलर के बीच है.
सेल्सियस का पूरा कारोबार लोगों से उधार पर लिए गए धन पर खड़ा था. इस निवेश के बदले में कंपनी भारी-भरकम ब्याज दे रही थी. जून में धन निकासी पर रोक लगाने के बाद कंपनी ने कहा था कि उसने सभी ग्राहकों का भला सोचकर ही धन निकालने पर रोक लगाई थी. एक बयान जारी कर कंपनी ने कहा कि धन निकालने पर रोक इसलिए लगाई गई ताकि अचानक धन निकासी होने से "जो पहले कदम उठा लेंगे उन्हें पूरा पैसा मिल जाएगा जबकि बाकियों को तब तक के लिए इंतजार करना पड़ेगा जबकि सेल्सियस अपनी संपत्ति से धन उगाहे."
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गुरुवार को न्यूयॉर्क में दाखिल दिवालियेपन की अर्जी में कंपनी ने आग्रह किया है कि उसे कारोबार जारी रखने की अनुमति दी जाए. कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ ऐलेक्स माशिंस्की ने एक बयान जारी कर कहा कि इस कदम से कंपनी का भविष्य मजबूत होगा.
क्रिप्टो बाजार में हाहाकार
सेल्सियस का डूबना उस सिलसिले की एक कड़ी मात्र है जो क्रिप्टोकरंसी की दुनिया में पिछले करीब दो महीने से जारी है. इस डिजिटल दुनिया में कारोबार करने वालीं दुनिया की कई बड़ी कंपनियां डूब चुकी हैं. मार्च में क्रिप्टो करंसी निवेश का प्रबंधन करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक थ्री ऐरोज कैपिटल (थ्रीएसी) डूब गई थी. दस अरब डॉलर की रकम का प्रबंधन देख रही यह कंपनी अब दिवालिया होने की ओर है क्योंकि क्रिप्टोकरंसी की कीमतें दुनियाभर में गर्त में हैं और कंपनी के पास अपने निवेशकों का पैसा लौटने के लिए कुछ नहीं है.
थ्रीएसी इतनी बड़ी कंपनी थी कि कई अन्य कंपनियों ने उसमें पैसा लगाया था. सीएनबीसी के मुताबिक क्रिप्टो एक्सचेंज ब्लॉकचेन डॉट कॉम को थ्रीएसी के डूबने से 27 करोड़ डॉलर का झटका लगा है जो उसे कर्ज में दिया गया था. थ्रीएसी के दिवालिया होने के बाद वोयाजन डिजिटल ने भी दिवालियेपन की अर्जी लगा दी क्योंकि थ्रीएसी में उसका लगभग 67 करोड़ डॉलर का निवेश था, जो डूब गया था. थ्रीएसी के डूबने का नुकसान क्रिप्टो लैंडर जेनेसिस और ब्लॉकफाई के अलावा बिटमेक्स और एफटीएक्स जैसी क्रिप्टो कंपनियों को भी हिला गया है. इससे पहले टेरा क्रिप्टोकरंसी भी डूब चुकी है.
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ब्लॉकचेन निवेश पर काम करने वाली कंपनी कासल आईलैंड वेंचर्स के एक साझीदार निक कार्टर ने सीएनबीसी को बताया, "क्रेडिट या तो नष्ट किया जा रहा है या निकाला जा रहा है. हर कोई क्रिप्टो लैंडर से अपना पैसा वापस चाहता है."
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में काम करने वाले निवेशक, ग्लो ट्रे़ड प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अतीव डांग कहते हैं कि निवेशक क्रिप्टोकरंसी को मुद्रास्फीति के खिलाफ दांव समझ बैठे और धोखा खा गए. वह बताते हैं, “यह भी नैस्डैक या किसी टेक कंपनी जैसा ही है. क्रिप्टोकरंसी को आप किसी टेक स्टार्टअप जैसा समझिए. ये आगे बढ़ने के लिए इधर-उधर से मिलने वाले सस्ते धन पर निर्भर हैं. ब्याज दरों के बढ़ना शुरू होने पर एक ब्याज-रहित संपत्ति की तरह इनका डूबना तय था.”
क्या होगा निवेशकों का?
अप्रैल में जब बिटकॉइन और इथीरियम जैसी डिजिटल मुद्राओं का डूबना शुरू हुआ तो बाकी छोटी-छोटी क्रिप्टो करंसी भी उसी गड्ढे में गिरती चली गईं. तब से अब तक क्रिप्टोकरंसी बाजार में एक खरब डॉलर का नुकसान हो चुका है. जिसका नतीजा थ्रीएसी से लेकर सेल्सियस तक तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियां झेल रही हैं.
क्रिप्टोकंपेयर द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन का भाव अब दिसंबर 2020 के बाद से न्यूनतम स्तर पर है और बाजार में इस वक्त क्रिप्टोकरंसी के रूप में पिछले साल जनवरी के बाद से सबसे कम धन उपलब्ध है. हालांकि गुरुवार को बिटकॉइन का भाव 2.8 फीसदी बढ़कर 20,208 अमेरिकी डॉलर पर था लेकिन सबसे बड़े डिजिटल कॉइन का एक्सचेंजड एमवीआईएस क्रिप्टोकंपेयर डिजिटल एसेट 100 इंडेक्स इस साल 60 फीसदी नीचे जा चुका है.
डांग कहते हैं कि अभी भी क्रिप्टोकरंसी कपंनियों को धरातल नहीं मिला है. वह कहते हैं, “जैसे-जैसे ब्याज दरें बढ़ेंगी, दर्द भी बढ़ेगा. मुझे बिल्कुल हैरत नहीं होगी अगर बिटकॉइन नवंबर तक दस हजार डॉलर पर जा गिरे.”
डूबती कंपनियों में जिन लोगों ने निवेश कर रखा है, उनका धन मिलेगा कि नहीं और मिलेगा तो कब मिलेगा, इस बारे में कोई कुछ नहीं कहा जा सकता. भारत समेत दुनियाभर के केंद्रीय बैंक लगातार क्रिप्टो निवेशकों को चेता रहे थे कि यह सुरक्षित निवेश नहीं है. इसके बावजूद भारत में भी एक अनुमान के मुताबिक ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों ने क्रिप्टो करंसी में निवेश किया है और सभी का भविष्य अनिश्चित है.
अतीव डांग कहते हैं कि इसे 1999-2000 के डॉट कॉम क्रैश जैसा मामला माना जाना चाहिए. डॉयचे वेले से बातचीत में उन्होंने कहा, “तब हर कोई डॉट कॉम की दौड़ में कूद पड़ा था और जब बुलबुला फूटा तो कंपनियां डूब गईं. एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, एमेजॉन जैसी कंपनियां ना सिर्फ बची रहीं बल्कि नई ऊंचाई पर पहुंचीं. यहां भी वैसा ही होगा. ब्लॉकचेन तकनीक भविष्य है. जब धूल बैठ जाएगी तो खराब कंपनियां और हास्यास्पद क्रिप्टोकरंसी चली जानी चाहिए और अच्छी कंपनियां ऊंचाई की ओर एक नई दौड़ शुरू करेंगी.”