कोरोना महामारी: मानवीय सहायता की जरूरत में तेज वृद्धि
२ दिसम्बर २०२०संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता राहत कार्यों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने कहा है कि साल 2021 में, दुनिया भर में लगभग साढ़े 23 करोड़ लोगों को मानवीय सहायता और सुरक्षा की जरूरत होगी, जो कि एक रिकॉर्ड संख्या होगी. उनके मुताबिक यह साल 2020 की तुलना में करीब 40 प्रतिशत ज्यादा है. उनका कहना है कि इसका मुख्य कारण कोरोना वायरस से फैली महामारी है. मार्क लोकॉक के मुताबिक, "अगर मानवीय सहायता पाने वाला हर कोई अगले साल एक देश में रहता है तो यह दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश होगा." उन्होंने कहा, "महामारी ने नाजुक और कमजोर हालात का सामना कर रहे देशों में भारी तबाही मचाई है."
करोड़ों लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत
यूएन ने साल 2021 के लिए वैश्विक मानवीय सहायता परिदृश्य में 56 देशों में बेहद नाजुक हालात का सामना कर रहे लगभग 16 करोड़ लोगों तक मदद पहुंचने की योजनाएं बनाई है. अगर ये सभी योजनाएं पूरी की गईं तो इन पर 35 अरब डॉलर का खर्च आएगा. यूएन का अनुमान है कि दुनिया भर में साढ़े 23 करोड़ लोग कोरोना वायरस महामारी, भूख, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना कर रहे हैं.
लोकॉक के मुताबिक इस साल दान दाताओं ने रिकॉर्ड 17 अरब डॉलर मानवीय सहायता के लिए दिए और डाटा से पता चलता है कि यह सहायता लक्षय के मुताबिक 70 फीसदी लोगों तक पहुंच पाई. लोकॉक के मुताबिक उनकी एजेंसी की मुख्य चिंताओं में से एक यमन, अफगानिस्तान, उत्तरपूर्व नाइजीरिया, दक्षिण सूडान, डीआरसी कांगों और बुरकीना फासो में अकाल टालने की है.
लोकॉक का कहना है कि कोरोना महामारी ने लाखों लोगों को गरीबी में धकेल दिया है और मानवीय सहायता जरूरतें आसमान पर पहुंचा दी हैं. इसलिए अकाल को टालने, गरीबी का मुकाबला करने और बच्चों का टीकाकरण और उन्हें स्कूलों में रखने के लिये मानवीय सहायता राशि की जरूरत है.
एए/सीके (रॉयटर्स)
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