चीन चांद के छिपे हिस्से में भेजेगा मिशन
२ मई २०२४2007 में चीन ने चंद्रमा तक पहुंचने और वहां पड़ताल करने के लिए अपना पहला मिशन चांग'ई लॉन्च किया था. चांग'ई नाम चीन की पौराणिक देवी के नाम पर रखा गया था.
इस पहले मिशन के बाद चीन ने चंद्रमा की जांच पड़ताल में इतनी बड़ी छलांग लगाई है कि वह अमेरिका और रूस से आगे निकल गया है. साल 2020 में चार दशकों से अधिक समय में यह पहली बार था कि चंद्रमा से नमूने पृथ्वी पर वापस लाए गए थे. इसके जरिए चीन ने दुनिया को दिखाया कि वह स्पेसक्राफ्ट चांद पर उतार सकता है और उसे वापस धरती पर ला सकता है.
चीन का नया मिशन
इस सप्ताह चीन द्वारा 2020 मिशन के बैकअप अंतरिक्ष यान का इस्तेमाल करके चांग'ई-6 लॉन्च करने और चंद्रमा के उस हिस्से से मिट्टी और चट्टानें एकत्र करने की उम्मीद है जो स्थायी रूप से पृथ्वी से दूर है. यह वह हिस्सा है, जो पृथ्वी से दिखाई नहीं देता.
मिशन का पृथ्वी के साथ सीधा संचार नहीं होगा, लेकिन चांग'ई-6 को अपने 53-दिवसीय मिशन के दौरान चंद्रमा की परिक्रमा करने वाले 'रिले उपग्रह' पर निर्भर रहना होगा. यह सैटेलाइट हाल ही में लॉन्च किया गया था.
वही 'रिले सैटेलाइट' 2026 और 2028 में मानवरहित चांग'ई-7 और 'चांग'ई-8 मिशन की मदद करेगा. इस तरह चीन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी ढूंढेगा और रूस के साथ मिलकर शुरुआती बेस स्थापित करेगा. चीन 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने की योजना बना रहा है.
चीन का मिशन, नासा परेशान
चीन के मिशन ने नासा को परेशानी में डाल दिया है. नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने बार-बार चेतावनी दी है कि अगर चीन को पानी मिलता है तो वह अपना दावा करेगा. बीजिंग का कहना है कि वह "साझा" भविष्य के निर्माण पर सभी देशों के साथ सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है.
चांग'ई-6 मिशन फ्रांस, इटली, स्वीडन और पाकिस्तान से "अंतरिक्ष अनुसंधान सामग्री" भी ले जाएगा. चीन के अगले मिशन में रूस, स्विट्जरलैंड और थाईलैंड शामिल होंगे. अमेरिका ने एक कानून के तहत नासा को चीन के साथ किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग पर प्रतिबंध लगा रखा है.
नासा के नेतृत्व वाले एक अलग आर्टेमिस मिशन के तहत अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री 2026 में दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने की योजना बना रहे हैं. 1972 के बाद यह चंद्रमा पर पहला मानवयुक्त मिशन होगा.
एए/वीके (रॉयटर्स)