चीन ने यूएन में आतंकी साजिद मीर पर प्रतिबंध का प्रस्ताव रोका
२२ जून २०२३मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं में से एक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर पर प्रतिबंध लगाने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में चीन ने रोक दिया. भारत ने चीन के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दिखाता है कि छोटे-मोटे भू-राजनीतिक हितों के कारण आतंकवाद से लड़ने की ईमानदार राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है.
मंगलवार को भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति में एक प्रस्ताव पेश किया था. इसमें साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने और उस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव को पिछले साल सितंबर में चीन ने यह कहते हुए लंबित करवा दिया था कि वह मामले पर और विचार करना चाहता है. मंगलवार को चीन ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने से इनकार कर दिया.
चीन की आलोचना में भारत के राजनयिक प्रकाश गुप्ता ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के ढांचे में कुछ बड़ी खामी है कि यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. गुप्ता ने कहा, "जिन लोगों को पूरी दुनिया ने आतंकवादी मान लिया है और वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित किया है, अगर उन्हें भी छिटपुट भू-राजनीतिक हितों के कारण हम यूएन में बैन नहीं कर सकते, तब सच में यह हमारे अंदर आतंकवाद की चुनौती से लड़ने के लिए ईमानदार राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है.”
मोस्ट वॉन्टेड आतंकी
साजिद मीर पर 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप है. उन सिलसिलेवार हमलों में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें छह अमेरिकी और 20 अन्य विदेशी नागरिक शामिल थे. इनके अलावा 308 लोग घायल भी हुए थे. साजिद मीर पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया था, जबकि भारत में भी वह मोस्ट-वॉन्टेड की सूची में है.
जून 2022 में खबरें आई थीं कि मीर को पाकिस्तान में हिरासत में ले लिया गया है. हालांकि, उसे पाकिस्तान द्वारा फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश के रूप में देखा गया था. FATF अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो आतंकवादी संगठनों को दी जाने वाली वित्तीय मदद पर नजर रखती है.
ऐसी खबरें भी थीं कि पाकिस्तान की एक आतंक-रोधी अदालत ने मीर को 15 साल की सजा सुनाई थी. लेकिन इस सजा के बारे में कोई विस्तृत जानकारी कभी सार्वजनिक नहीं की गई. बल्कि 2022 तक ऐसी भी खबरें आती रहीं कि मीर की मौत हो गयी है, लेकिन इसका सुबूत कभी सामने नहीं आया.
पिछले साल भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से खबर छापी थी कि भारत को मीर की गिरफ्तारी की सूचना मीडिया में खबरें आने से दो महीने पहले ही दे दी गई थी. लेकिन तब भी भारत को निष्पक्ष सूत्रों से इस गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं मिल पाई थी.
कौन है साजिद मीर?
26/11 के आतंकवादी हमलों में साजिद मीर का नाम मुख्य साजिशकर्ता और भारत पहुंचे आतंकवादियों के हैंडलर के रूप में जाना जाता है. 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हमला शुरू होने के बाद से तीन दिन तक वह पाकिस्तान के एक कमरे में बैठकर हमलावर आतंकवादियों को दिशा-निर्देश दे रहा था.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक मीर ने हमलावर आतंकवादियों से फोन पर बात भी की और उन्हें कदम दर कदम बताया कि आगे क्या करना है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक साजिद मीर को साजिद माजिद के नाम से भी जाना जाता है. उसका जन्म 1978 में हुआ था, लेकिन इसके बारे में अलग-अलग तरह की बातें सामने आती रही हैं. लाहौर में एक व्यापारी परिवार में जन्मे मीर ने 16 साल की उम्र में हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सदस्यता ली थी.
विवेक कुमार (रॉयटर्स)