जर्मनी के खेमनित्स को कार्ल मार्क्स का शहर कहा जाता है. लेकिन यहीं पर उग्र दक्षिणपंथी "विदेशी वापस जाओ" का नारा लगा रहे हैं. सोमवार रात हजारों की संख्या में लोगों ने शरणार्थियों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
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कार्ल मार्क्स की गिनती निश्चित रूप से जर्मनी के सबसे महान दार्शनिकों में होती हैं. लेकिन अगर कार्ल मार्क्स आज जिंदा होते तो क्या उन्हें अपना काम पंसद आता?