जर्मन एकीकरण के 32 साल का जश्न
३ अक्टूबर २०२२इस साल इस मौके का आधिकारिक जश्न थुरिंजिया प्रांत की राजधानी एरफुर्ट में हो रहा है. जर्मनी के सभी राज्यों को बारी बारी से यह मौका मिलता है. परंपरा यह है कि जो संघीय राज्य बुंडेसराट के लिए अध्यक्ष मुहैया कराता है वही इस राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य कार्यक्रम की मेजबानी भी करता है. इस मौके पर सोमवार को यहां चांसलर शॉल्त्स और राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर भी पहुंच गये हैं.
शनिवार को बारिश और तेज हवाओं के बीच तीन दिन के इस उत्सव की शुरुआत हुई. जर्मन संसद के ऊपरी सदन, बुंडेसराट के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में थुरिंजिया के मुख्यमंत्री बोडो रामेलोव ने कथीड्रल स्क्वेयर पर जर्मन यूनिटी के नये प्रतीक का उद्घटान किया.
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दो गुणा दो मीटर के इस प्रतीक में साल 2022 के लिए नंबर 22 अंकित है और एक नंबर को उल्टा करके इसे दिल का आकार दे दिया गया है. यह प्रतीक पूरे एक साल थुरिंजिया में घूमता रहा और लोगों ने अपने दस्तखत इस पर अंकित किये हैं. शनिवार को इस मौके पर भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद थी लेकिन खराब मौसम के चलते कम ही लोग वहां पहुंचे. हालांकि अलग अलग राज्यों, संसद के दोनों सदनों, संघीय सरकार और संघीय संवैधानिक अदालत के प्रतिनिधि उत्सव में जरूर पहुंचे हैं.
3 अक्टूबर को रियूनिफिकेशन डे क्यों?
बर्लिन की दीवार 9 नवंबर 1989 को ही गिर गई और इसके साथ मध्य और पूर्वी यूरोप में साम्यवाद का अंत हो गया. इसके बाद जर्मनी के एकीकरण की औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने में करीब 11 महीने लगे.
3 अक्टूबर, 1990 को पूर्वी जर्मनी या जर्मन डेमोक्रैटिक रिपब्लिक यानी डीजीआर का अस्तित्व खत्म हो गया और उसके इलाके में पांच नये राज्यों बने और फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी यानी पश्चिमी जर्मनी में शामिल हो गये.
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पूर्वी और पश्चिमी बर्लिन का दोबारा मेल हुआ और जर्मनी के अंदर एक उसे एक शहर प्रांत का दर्जा मिला. बाद में संयुक्त जर्मनी की राजधानी बर्लिन ही बनी.
9 नवंबर को राष्ट्रीय दिवस के रूप में इसलिये उचित नहीं माना जाता है क्योंकि इसी दिन 1938 में नाजियों ने पहली बार यहूदियों के खिलाफ सामूहिक हत्या शुरू की थी जिसे क्रिस्टालनाख्ट भी कहा जाता है.
पोलैंड ने की हर्जाने की मांग
पोलैंड के विदेश मंत्री जबिगनियू राउ ने जर्मनी के रियूनिफिकेशन डे के मौके पर एक डिप्लोमैटिक नोट पर दस्तखत किये हैं जिसमें जर्मनी से हर्जाने की मांग की गई है. यह नोट बर्लिन में जर्मन विदेश मंत्रालय को सौंपा जायेगा. पोलैंड की सरकार 1939-1945 के दौरान देश पर नाजी जर्मनी के कब्जे और उस दौरान हुए दमन के लिए हर्जाना चाहती है. राजनीतिक दल पहले भी इस मांग की चर्चा करते रहे हैं लेकिन देश में दक्षिणपंथी सरकार बनने के बाद यह मांग तेज हो गई है.
वारसॉ में सोमवार को राउ ने कहा कि यह नोट, "पोलैंड के विदेश विभाग की इस प्रतिबद्धता को दिखाता है कि सभी पक्ष 1939 से 1945 के बीच जर्मन आक्रमण और कब्जे के नतीजों के स्थायी, विस्तृत, कानूनी और आर्थिक निपटारे की दिशा में तत्काल कदम उठायें." यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक यूनिफिकेशन डे के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिये वारसॉ में हैं. मंगलवार को बेयरबॉक राउ से मुलाकत करेंगी. पिछले महीने ही पोलैंड की एक संसदीय कमेटी ने पोलैंड को विश्वयुद्ध में हुए नुकसान का आकलन 1300 अरब डॉलर के बराबर किया था.
जर्मनी सरकार इन दावों से इनकार करता ही. सरकार का कहना है कि 1990 में टू प्लस फोर ट्रीटी के तहत सभी मामले निपटाये जा चुके हैं.
एनआर/ओएसजे (डीपीए)