बांग्लादेश: बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा होगी
१३ अक्टूबर २०२०बांग्लादेश में बलात्कार के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग हो रही थी. हाल के दिनों में बांग्लादेश में बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
दक्षिण एशिया में बलात्कार जैसे मामले आज भी हो रहे हैं और हर बार इसको लेकर सख्त सजा की मांग की जाती है. बांग्लादेश ने भी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा को मंजूरी दे दी है. बांग्लादेश सरकार की कैबिनेट ने सोमवार को यह फैसला लिया. इससे पहले तक बलात्कार के लिए अधिकतम सजा आजीवन कारावास थी. सरकार ने महिला और बाल उत्पीड़न कानून में संशोधन करते हुए मौत की सजा का प्रावधान किया है.
दरअसल पिछले दिनों बांग्लादेश में एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हुआ था जिसमें कुछ पुरुष एक महिला को निर्वस्त्र कर उस पर हमला कर रहे थे. इस वीडियो के वायरल होने के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे. इसके बाद बलात्कार के दोषियों को फांसी देने की मांग तेज हो गई और पूरे देश में एक अभियान छिड़ गया. महिलाओं और छात्रों ने सड़कों पर उतरकर सरकार से सख्त से सख्त सजा की मांग की.
दक्षिण एशियाई देश के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि कुछ यौन पीड़ितों को ही न्याय मिल पाता है. मौत की सजा को मंजूरी देने के पहले तक कथित निष्क्रियता पर प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी पार्टी के भीतर आक्रोश का सामना कर रही थीं. कानून मंत्री अनीस उल हक ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि कैबिनेट के फैसले पर राष्ट्रपति जल्द अध्यादेश जारी करेंगे.
पिछले एक महीने से बांग्लादेश में इस मुद्दे पर भारी विरोध हो रहा है. सत्तारूढ़ दल के छात्रसंघ के सदस्य गैंगरेप के अलग-अलग आरोप में गिरफ्तार किए गए थे. राजधानी ढाका समेत अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों की मांग है कि बलात्कार के दोषियों को सख्त सजा मिले और बलात्कार के मामले पर जल्द सुनवाई हो ताकि बलात्कार जैसे वीभत्स मामले का अंत हो पाए. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि कई बार पीड़ित महिला आरोपियों के खिलाफ शिकायत तक पुलिस में दर्ज नहीं करा पाती है.
कुछ प्रदर्शनकारियों ने तो हसीना के इस्तीफे तक की मांग की थी. देश में प्रधानमंत्री की आलोचना असामान्य बात है. सोमवार को मध्य ढाका में हाल ही में सरकार के खिलाफ विरोध करने पर गिरफ्तार हुए छात्र नेताओं के लिए भारी बारिश के बावजूद प्रदर्शन हुए.
स्थानीय अधिकार समूहों का कहना है कि बांग्लादेश ने 2013 से अब तक 23 लोगों को फांसी दी है. अब भी 1,718 दोषियों को फांसी देना बाकी है.
एए/सीके (एएफपी)
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