कल तक जहां बारिश को तरस रहे थे, अब वहां पानी से मर रहे लोग
दक्षिणी केन्या में एक बांध टूटने के कारण कम-से-कम 45 लोगों की मौत हो गई है और कई दर्जन लोग लापता हैं. यह घटना 29 अप्रैल की सुबह रिफ्ट घाटी के पास हुई.
"ऐसा लगा मानो भूकंप आया हो"
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसा नाकुरू काउंटी के माय माहियू शहर के पास पुराने किजाबे बांध में हुआ. भारी बारिश के कारण इस बांध का किनारा टूटा और पानी पहाड़ की ढलान से होता हुआ नीचे की ओर बहा. लोगों ने बताया कि ऐसा लगा मानो भूकंप आया हो.
कीचड़ की मोटी परत, नीचे दबे लोग
पानी का तेज बहाव बड़ी संख्या में घरों और गाड़ियों को बहा ले गया. कई लोग कीचड़, गाद और मलबे में दबे बताए जा रहे हैं. बचावकर्मी कहीं फावड़ा-कुदाल से, तो कहीं हाथ से ही गाद हटाकर लोगों को बचाने की कोशिश करते दिखे.
बारिश से तबाही
आपातकालीन बचाव में शामिल एक स्थानीय निवासी ने एएफपी को बताया, "हमने पेड़ों में फंसी कुछ लाशें भी बरामद की हैं. हमें नहीं पता कीचड़ के नीचे कितने लोग दबे हैं." बीते महीनों में करीब चार दशक के सबसे गंभीर सूखे का सामना कर रहा केन्या अभी मूसलाधार बारिश और भीषण औचक बाढ़ से जूझ रहा है.
कई देशों में हालत खराब
चरम बारिश से जुड़ी घटनाओं से अब तक 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. पड़ोसी तंजानिया में भी बारिश से आफत मची है. वहां बाढ़ और भूस्खलन के कारण कम से कम 155 लोगों के मारे जाने की खबर है. इथियोपिया, बुरुंडी, रवांडा और युगांडा में भी भारी बारिश के कारण जानमाल को नुकसान पहुंच रहा है.
अल-नीनो का कहर
जानकारों के मुताबिक, औसत से कहीं ज्यादा हो रही बारिश का संबंध अल-नीनो से भी है. इसके कारण दुनियाभर में गर्मी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है. कई इलाके भीषण सूखे की चपेट में हैं, तो कई जगहों पर भीषण बरसात से बुरा हाल है.
आपदाओं की झड़ी
2020 से 2023 के बीच पूर्वी अफ्रीका में सूखे की स्थिति बेहद विकराल थी. लगातार तीन साल तक औसत से कम बारिश के कारण खेती और मवेशीपालन को बहुत नुकसान पहुंचा. भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई. ऐसे में अब बारिश का प्रकोप लोगों पर दोहरी मार है. जलवायु परिवर्तन आपदाओं की शृंखला ला रहा है. कभी लोग बारिश के लिए तरसते हैं, तो कभी उसी बारिश की अधिकता से तड़पते और मरते हैं.