सुनीता विलियम्स पहली नहीं, अंतरिक्ष में फंसते रहे हैं यात्री
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर 5 जून से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं. लेकिन यह पहली बार नहीं है कि अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी में देरी हुई.
सुनीता विलयम्स का इंतजार
5 जून को सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे लेकिन बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सुल में आई तकनीकी खराबी के कारण अब तक लौट नहीं पाए हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा इन यात्रियों को वापस लाने की कोशिश कर रही है.
सोयूज इंजन की विफलता (अप्रैल 1979)
1979 में अंतरिक्ष स्टेशन की ओर जाते समय सोयूज अंतरिक्ष यान का इंजन फेल हो गया था. तब कुछ अंतरिक्ष यात्री तब तक सैल्यूट स्टेशन पर फंसे रहे जब तक एक नया सोयूज अंतरिक्ष यान कुछ महीने बाद उन्हें लेने नहीं आया. वे कुल 175 दिन अंतरिक्ष में रहे, जो उस समय का रिकॉर्ड था. तस्वीर सैल्यूट स्टेश की है.
भूराजनीतिक संकट (दिसंबर 1991)
जब सोवियत संघ का पतन हुआ तो अंतरिक्ष यात्री सर्गेई क्रिकलयेव मीर अंतरिक्ष स्टेशन पर थे. राजनीतिक अराजकता और स्टेशन को संचालन में बनाए रखने की आवश्यकता के कारण वह 311 दिन तक अंतरिक्ष में रहे, जो उनकी मूल मिशन अवधि का दो गुना था.
कोलंबिया हादसा (1 फरवरी 2003)
कोलंबिया स्पेस शटल में पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते वक्त आग लग गई और उसमें विस्फोट हो गया. उसके बाद शटल बेड़े की आवाजाही बंद कर दी गई और तीन अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अतिरिक्त दो महीने तक फंसे रहे. वे मई 2003 में सोयूज अंतरिक्ष यान से लौटे.
उल्का टकराव (दिसंबर 2022)
एक सोयूज अंतरिक्ष यान जो आईएसएस से जुड़ा था, एक छोटी उल्का की टक्कर से हादसे का शिकार हो गया. टकराव के चलते कूलेंट लीक हो गया, जिससे अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रूबियो, सर्गेई प्रोकोपयेव और दिमित्री पेटेलिन की वापसी में छह महीने की देरी हुई. वे कुल मिलाकर एक साल से अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहे और मार्च 2023 में ही लौट पाए.
पृथ्वी पर मौसम (18 जनवरी 2024)
इसी साल जनवरी में एक्सियोम मिशन 3, को पृथ्वी पर लौटने में देरी का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके लैंडिंग स्थल के पास तूफान आ गए थे. मिशन की वापसी 3 फरवरी से 9 फरवरी तक स्थगित हो गई, जिससे उनके आईएसएस पर रहने का समय 18 दिन बढ़ गया.