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मालदीव, भारत करेंगे एशिया में सबसे तेज विकासः एडीबी

२१ सितम्बर २०२२

फिलीपींस के मनीला में स्थित एडीबी ने एशिया की विकास दर के अपने अनुमानों में बदलाव किया है. 2023 में विकास की दर अब 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है.

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भारत में विकास दर में तेजी रहने की संभावना है
भारत में विकास दर में तेजी रहने की संभावना हैतस्वीर: Soumyabrata Roy/NurPhoto/IMAGO

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने यूक्रेन युद्ध, बढ़तीं ब्याज दरों औरचीन की विकास दर की धीमी पड़ती रफ्तार का हवाला देकर महाद्वीप में विकास दर के अनुमान को कम कर दिया है.

फिलीपींस के मनीला में स्थित एडीबी ने एशिया की विकास दर के अपने अनुमानों में बदलाव किया है. 2023 में विकास की दर अब 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जो अब तक 5.3 प्रतिशत था. इस साल के लिए विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में विकास दर का अनुमान 5.2 प्रतिशत से घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया गया है.

एडीबी के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि तीन दशक में पहली बार ऐसा होगा कि एशिया की विकासशील अर्थव्यवस्थाएं चीन से ज्यादा तेजी से विकास करेंगी. इस साल चीन की विकास दर का 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है. 2021 में चीन की जीडीपी विकास दर 8.1 फीसदी रही थी. अप्रैल में एडीबी ने कहा था कि इस साल चीन की विकास दर 5 फीसदी रहेगी लेकिन अब यह अनुमान घटा दिया गया है.

भारत और मालदीव सबसे तेज

भारत और मालदीव सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्थाओं के रूप में नामित किए गए हैं. मालदीव एशिया में सबसे तेज 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा जबकि भारत की विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने की रफ्तार और बढ़ने का अनुमान जताया गया है और अब यह 8.8 फीसदी रहेगी. अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहे इस एशियाई देशकी अर्थव्यवस्था पिछले साल 3.3 फीसदी सिकुड़ गई थी.

एशिया में मुद्रास्फीति का एडीबी का अनुमान उतना बुरा नहीं है जितना अमेरिका और अन्य अर्थव्यवस्थाओं का है. एडीबी का अनुमान है कि 2022 में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहेगी और अगले साल 4 फीसदी हो जाएगी. लेकिन श्रीलंका में मुद्रास्फीति की दर 45 प्रतिशत तक जा सकती है जबकि म्यांमार में 16 फीसदी और मंगोलिया में 15 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान है.

इनके अलावा पाकिस्तान और लाओस दो अन्य ऐसे एशियाई देश हैं जो कर्ज के बोझ से दबे हैं और जहां महंगाई तेजी से बढ़ी है. महंगाई बढ़ने के लिए तेल और गैस के बढ़ते दामों को सबसे बड़ी वजह बताया गया है. एडीबी ने कहा, "हालांकि वैश्विक स्तर पर भोजन और ऊर्जा की कीमतें घट रही हैं लेकिन इस कमी का असर घरेलू स्तर पर होने में कुछ समय लगेगा.”

दक्षिण पूर्व एशिया में जारी रहेंगे अच्छे दिन

एडीबी का अनुमान है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था में तेजी लगातार जारी रहेगी. पर्यटन के खुलने से इस क्षेत्र में मांग बढ़ रही है जिसका असर विकास दर पर देखने को मिलेगा. रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं में बढ़ती मांग, निवेश और विदेशों में काम करने वाले लोगों द्वारा भेजा जा रहा धन भी इसके लिए जिम्मेदार है.

 

फिर भी, मांग बढ़ने के कारण होने वाला विकास अभी कमजोर बना रहने का ही अनुमान है. दक्षिण पूर्व एशिया में इस साल निर्यात में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन इसकी वजह मांग नहीं बल्कि महंगाई रही है. असल में निर्यात का आयतन जुलाई और अगस्त में 5.2 फीसदी कम रहा है.

इसके अलावा महामारी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान और सेवाओं की मांग में आया उछाल भी अब शांत हो गया है जिससे विकास दर घट रही है. अच्छी बात यह बताई गई है कि आपूर्ति में आ रहीं दिक्कतें अब धीरे धीरे दूर हो रही हैं और सामान ढुलाई की कीमतों में कमी आई है. अगस्त में पूर्वी एशिया से अमेरिका के लिए एक कंटेनर भेजने की कीमत 7,000 डॉलर रही जो जनवरी में 16,000 डॉलर तक पहुंच गई थी.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

 

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