कोरोना काल में क्या कम हुई मौत की सजा
एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट कहती है कि दुनियाभर में मौत की सजा साल 2020 में कम हुई. हालांकि कुछ देशों में यह सजा कम होने की जगह और बढ़ गई. जानिए कोरोना काल में कहां ज्यादा और कम हुई मौत की सजा तामील.
साल 2020 में मौत की सजा
एमनेस्टी इंटरनेशनल की ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि 2020 में मौत की सजा देने में गिरावट दर्ज की गई. 2020 कोरोना महामारी का साल था लेकिन रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ देशों ने मौत की सजा को जारी रखा. कोरोना काल में लाखों लोगों की मौत हुई लेकिन कुछ देश मौत की सजा देने से पीछे नहीं हटे.
महामारी और मौत की सजा
एमनेस्टी महासचिव एग्नेस कैलमार्ड कहती हैं, "कुछ सरकारों की तरफ से मृत्युदंड की निरंतर कोशिश के बावजूद 2020 में तस्वीर सकारात्मक थी." वे कहती हैं, "ज्ञात मौत की सजा लगातार गिरी."
2020 में 483 लोगों को दी गई मौत की सजा
एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में कुल 483 लोगों को मौत की सजा दी गई. एमनेस्टी की तरफ से दर्ज यह पिछले 10 सालों में सबसे कम आंकड़ा है.
मध्य पूर्व के देशों में सजा
एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2020 में मौत की सजा दिए जाने वाले शीर्ष 5 देशों में चार मध्य पूर्व के हैं. ईरान में 246, मिस्र में 107 से अधिक, इराक में 45 और सऊदी अरब में 27 लोगों को मृत्यु दंड दिया गया. यह पूरी दुनिया में दी गई मौत की सजा का 88 फीसदी हिस्सा है.
चीन में हजारों को मौत की सजा
चीन, उत्तर कोरिया, सीरिया और वियतनाम जैसे देश मौत की सजा को गोपनीय सूचना के अंतर्गत रखते हैं और आंकड़े जारी नहीं करते हैं. इसलिए इन देशों में मौत की सजा के बारे में सही संख्या जाहिर नहीं है. चीन ने इस साल हजारों लोगों को मौत की सजा दी और आंकड़े जारी नहीं किए.
भारत में चार लोगों को मौत की सजा
एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट कहती है कि भारत में साल 2020 में चार लोगों को फांसी दी गई. इतने ही लोग ओमान में फांसी पर चढ़ाए गए और यमन में पांच से अधिक. भारत समेत दुनिया के 33 देशों में मौत की सजा देने के लिए एकमात्र तरीका फांसी है.
अमेरिका में मौत की सजा बहाल
अमेरिका में पिछले साल ट्रंप प्रशासन ने 17 साल के अंतराल के बाद मौत की सजा शुरू की. साल 2020 में देश में 17 लोगों को मौत की सजा दी गई. छह महीने में 10 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया.