भारत में अफगानिस्तान का दूतावास हुआ बंद
२४ नवम्बर २०२३भारत में अफगानिस्तान के दूतावास ने 30 सितंबर को घोषणा की थी कि वह 1 अक्टूबर से अपना काम-काज बंद रहा है. उस समय मिशन ने भारत सरकार से समर्थन न मिलने, अफगानिस्तान के हितों को पूरा करने में अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाने और कर्मियों व संसाधनों की कमी के कारण यह कदम उठाने की बात कही थी.
नई दिल्ली में अपने राजनयिक मिशन को बंद करने पर एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए अफगान दूतावास ने कहा, "भारत सरकार की ओर से लगातार आ रही चुनौतियों के कारण 23 नवंबर, 2023 से दूतावास और राजनयिक मिशन तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है."
बयान में कहा गया, "यह फैसला दूतावास द्वारा 30 सितंबर को ऑपरेशन बंद करने के बाद लिया गया है. यह कदम इस उम्मीद में उठाया गया है कि मिशन को सामान्य रूप से ऑपरेट करने के लिए भारत सरकार का रुख अनुकूल रूप से बदल जाएगा."
गौरतलब है कि सितंबर महीने में सूत्रों के हवाले से खबरें आई थीं कि दूतावास का ऑपरेशन जल्द ही बंद कर दिया जाएगा और ताजा बयान में इसकी पुष्टि की गई है.
अफगान अधिकारियों ने और क्या कहा?
शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया, "30 सितंबर को दूतावास में परिचालन पहले ही निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया. यह कदम इस उम्मीद में लिया गया है कि भारतीय सरकार के रुख में सकारात्मक बदलाव आएगा, जिससे मिशन को सामान्य रूप से काम करने की अनुमति मिल सके."
दूतावास ने कहा कि यह 'संज्ञानात्मक' है कि कुछ लोग इस कदम को आंतरिक संघर्ष के रूप में देखने की कोशिश कर सकते हैं, जिसमें कथित तौर पर राजनयिक शामिल हैं, जिन्होंने तालिबान के प्रति निष्ठा बदल ली है और कहा कि "यह फैसला नीति और हितों में व्यापक बदलाव का नतीजा है".
फरीद मामुन्दजई नई दिल्ली में अफगानिस्तान दूतावास में राजदूत थे. मामुन्दजई को अफगानिस्तान की पिछली अशरफ गनी सरकार ने नियुक्त किया था और अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद भी वह बतौर राजदूत काम कर रहे थे.
दूतावास ने कहा भारत के आभारी
दूतावास ने पिछले 22 सालों में अफगानिस्तान को समर्थन और सहायता के लिए भारत के लोगों का आभार व्यक्त किया है. दूतावास ने कहा कि भारत में हमारे मिशन के कार्यकाल के दौरान अफगान नागरिकों की समझ और समर्थन के लिए हम अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. सीमित संसाधनों और शक्तियों के बावजूद हमने काबुल में वैध सरकार की गैर-मौजूदगी में भारत में मौजूद हमारे नागरिकों की बेहतरी के लिए अथक प्रयास किए.
दूतावास ने बयान में कहा कि अफगान शरणार्थियों, छात्रों और व्यापारियों के पलायन के कारण पिछले दो साल और तीन महीनों में भारत में अफगान समुदाय में उल्लेखनीय गिरावट आई है.
अगस्त 2021 में अशरफ गनी सरकार को उखाड़ फेंकने और तालिबान द्वारा देश पर नियंत्रण करने के बाद भारत ने भी अफगानिस्तान में अपना दूतावास बंद कर दिया. हालांकि, बाद में भारत ने मानवीय प्रयासों के समन्वय के लिए अफगानिस्तान में एक तकनीकी टीम तैनात की.