तालिबान ने लगाया महिलाओं के गाड़ी चलाने पर प्रतिबंध
४ मई २०२२अफगानिस्तान के सबसे प्रगतिशील शहर माने जाने वाले हेरात में तालिबान के अधिकारियों ने गाड़ी चलाना सिखाने वालों से कहा है कि वो महिलाओं को लाइसेंस देना बंद कर दें. कई लोगों ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि ऐसे आदेश दिए गए हैं.
अफगानिस्तान वैसे तो काफी रूढ़िवादी और पितृसत्तात्मक देश है, लेकिन वहां बड़े शहरों में महिलाओं का गाड़ी चलाना असामान्य नहीं है. हेरात भी ऐसे ही शहरों में शामिल है. लंबे समय से इस शहर को अफगान मानकों के हिसाब से उदार माना जाता रहा है.
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महिलाओं के अवसरों को छीनना
शहर के ड्राइविंग स्कूलों की देखरेख करने वाले ट्रैफिक प्रबंधन संस्थान के प्रमुख जान आगा अचकजई ने बताया, "हमें महिला चालकों को लाइसेंस देना बंद करने के मौखिक रूप से निर्देश दिए गए हैं...लेकिन महिलाओं को शहर में गाड़ी चलाने से रोकने के निर्देश नहीं दिए गए हैं."
29 साल की आदिला अदील एक ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान की मालिक हैं. उन्होंने बताया कि तालिबान यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अगली पीढ़ी के पास वो सब मौके न हों जो उनकी माओं के पास थे. उन्होंने कहा, "हमें ड्राइविंग सिखाने और लाइसेंस जारी करने से मना किया गया है."
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तालिबान ने फिर से सत्ता हासिल करने के बाद उनके पिछले शासन के मुकाबले ज्यादा नरम शासन का वादा किया था. लेकिन उन्होंने लगातार अफगान लोगों के अधिकारों पर अंकुश लगाए हैं. विशेष रूप से लड़कियों और महिलाओं को निशाना बनाया गया है. उन्हें माध्यमिक शिक्षा और कई सरकारी नौकरियों से भी बाहर कर दिया गया है.
आराम और सुरक्षा का सवाल
अपने परिवार के लिए ईद-उल-फित्र के उपहार लेने बाजार जा रहीं शाइमा वफा ने बताया, "मैंने खुद एक तालिबान गार्ड को बताया कि मेरे लिए एक टैक्सी चालाक के बगल में बैठने की जगह अपनी गाड़ी में यात्रा करना ज्यादा आरामदायक है."
उन्होंने यह भी कहा, "मुझे जरूरत इस बात की है कि मैं अपने भाई या पति के घर आने का इंतजार किए बिना अपने परिवार को अपनी गाड़ी में बिठा कर डॉक्टर के पास ले जा सकूं."
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प्रांत में सूचना और संस्कृति विभाग के प्रमुख नईमुल हक हक्कानी ने कहा कि कोई आधिकारिक आदेश नहीं दिया गया है. तालिबान अभी तक राष्ट्रीय स्तर पर लिखित आदेश जारी करने से बचता रहा है. उसकी जगह स्थानीय विभागों को अपने नियम लागू करने की अनुमति दी जाती है. कभी कभी मौखिक आदेश देने के लिए कहा जाता है.
कई सालों से गाड़ी चला रहीं फेरिश्ते याकूबी कहती हैं, "किसी भी गाड़ी पर ऐसा नहीं लिखा है कि वो सिर्फ पुरुषों की है. बल्कि एक महिला के लिए खुद अपनी गाड़ी चलाना ज्यादा सुरक्षित है."
26 साल की जैनाब मोहसेनी ने हाल ही में लाइसेंस के लिए आवेदन भरा है क्योंकि उनका कहना है कि पुरुष चालकों द्वारा चलाई जा रही टैक्सियों के मुकाबले महिलाएं अपनी गाड़ियों में ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं.
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मोहसेनी को लगता है कि ताजा फैसला बस इसी बात का ताजा संकेत है कि तालिबान किसी भी कीमत पर अफगान महिलाओं के गिने चुने अधिकारों को छीन लेने से रुकेगा नहीं. वो कहती हैं, "धीरे धीरे, तालिबान महिलाओं पर प्रतिबंधों को बढ़ाना चाहता है."
सीके/एए (एफपी)