कोविड-19ः 5 बातें जो 5 साल बाद भी नहीं पता
कोविड-19 वायरस ने पूरी दुनिया को हिला दिया था और लाखों लोगों की जान ली. जनवरी 2020 में इस वायरस के बारे में खबरें आनी शुरू हुई थीं. पांच साल बीतने के बाद भी इसके बारे में कई बातें हैं जो अब तक पता नहीं हैं.
कोविड -19 के 5 साल
दुनिया को कोविड-19 के बारे में पहली बार दिसंबर 2019 में जानकारी मिली थी. यह चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ था, जहां एक नए प्रकार की निमोनिया (पल्मोनिया) के मामलों की रिपोर्ट मिली थी. बाद में इस बीमारी को एक नए वायरस के कारण होने के रूप में पहचाना गया, जिसे सार्स-कोव-2 नाम दिया गया. 31 दिसंबर 2019 को चीनी अधिकारियों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस प्रकोप के बारे में सूचित किया था.
वायरस की उत्पत्ति
सार्स-कोव-2 वायरस की असली उत्पत्ति अभी तक साफ नहीं हो पाई है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस शायद चमगादड़ों से आया होगा और फिर यह इंसानों में अन्य जानवरों के ज़रिए फैला होगा. इन जानवरों में रैकून डॉग, सिवेट कैट्स और बांस रैट्स हो सकते हैं. एक और संभावना यह भी है कि यह वायरस किसी लैब से लीक हुआ हो.
लॉन्ग कोविड का कारण
लॉन्ग कोविड के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है. कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि शरीर में वायरस के कुछ अवशेष रह जाते हैं, जिससे लंबी बीमारी हो सकती है. लेकिन यह कारण सभी मामलों को समझा नहीं सकता. यह भी साफ नहीं है कि क्यों कुछ लोग ही लॉन्ग कोविड का सामना करते हैं, भले ही उनकी कोविड-19 की हालत हल्की रही हो या उनकी उम्र अलग हो.
महामारी कब खत्म होगी
कोविड-19 अब पहले जैसा खतरनाक नहीं रहा है और इसकी स्थिति कम गंभीर हो गई है, लेकिन महामारी का असली अंत कब होगा, यह अभी भी अनिश्चित है. वायरस लगातार बदल रहा है, और वैज्ञानिकों को इसे ध्यान से ट्रैक करने की जरूरत है.
वैश्विक प्रभाव और मौतों का आंकड़ा
कोविड-19 से पूरी दुनिया में शायद दो करोड़ से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जबकि आधिकारिक रूप से सिर्फ 70 लाख मौतें रिपोर्ट की गई हैं. खासकर बुजुर्ग लोग इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, खासतौर से वे लोग जिनकी उम्र 75 साल या उससे ज्यादा है.
कितने वेरिएंट्स
कोविड-19 के वेरिएंट्स समय के साथ बदलते रहे हैं. ओमिक्रॉन और इसके सबवेरिएंट्स जैसे एक्सईसी इस समय सबसे ज्यादा फैल रहे हैं. ओमिक्रॉन डेल्टा से कम गंभीर है, शायद इसलिए क्योंकि लोग अब इससे बचने के लिए टीकाकरण करवा चुके हैं या पहले इससे संक्रमित हो चुके हैं. फिर भी, इसके वायरस में तेजी से हो रहे बदलावों को ध्यान से देखना और मॉनिटर करना बहुत जरूरी है. वीके/सीके (रॉयटर्स)