बढ़ रही है बंधुआ मजदूरी
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2021 में दुनिया में हर रोज 2.76 करोड़ लोग बंधुआ मजदूरी कर रहे थे. आंकड़े बहुत दुखद तस्वीर पेश करते हैं.
करोड़ों बंधुआ मजदूर
आईएलओ की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2021 में किसी भी दिन दुनियाभर में 2.76 करोड़ बंधुआ मजदूर थे. यानी हर एक हजार पर 3.5 लोग गुलामी की बेड़ियों में जकड़े हुए थे.
11 फीसदी की वृद्धि
2016 की तुलना में 2021 में बंधुआ मजदूरों की संख्या 11 फीसदी बढ़ गई थी. 2016 में इनकी संख्या 2.49 करोड़ थी.
निजी और सरकारी दोनों
अधिकतर बंधुआ मजदूर निजी क्षेत्रों में थे लेकिन राज्य द्वारा थोपी गई गुलामी भी कम नहीं थी. 2.36 करोड़ लोग निजी क्षेत्र में जबकि 39 लाख लोग सरकारी क्षेत्रों में थे.
एशिया सबसे ऊपर
दुनिया के अधिकतर बंधुआ मजदूर एशियाई और प्रशांत महासागरीय देशों में थे, जहां इनकी संख्या 1.51 करोड़ थी, यानी पूरी दुनिया के आधे से भी ज्यादा.
यूरोप से नीचे अफ्रीका
यूरोप और मध्य एशियाई देशों में गुलामों की संख्या दूसरे नंबर पर थी. यहां 41 लाख बंधुआ मजदूर थे. अफ्रीका में 38 लाख, दोनों अमेरिका महाद्वीपों में 36 लाख और अरब देशों में 90 हजार लोग ऐसे हालात में जी रहे थे.
प्रति व्यक्ति तस्वीर अलग
अगर प्रति हजार बंधुआ मजदूरों की संख्या देखी जाए तो सबसे ज्यादा खराब हालात अरब देशों में थे जहां हर हजार लोगों पर सबसे ज्यादा 5.3 लोग बंधुआ मजदूरी कर रहे थे. उसके बाद यूरोप और मध्य एशिया का नंबर (4.4 प्रति हजार) है. एशिया और प्रशांत में 3.5 प्रति हजार और अफ्रीका में सबसे कम 2.9 प्रति हजार व्यक्ति गुलामी की हालत में जी रहे थे.