26/11 के बाद पाटिल को हटाना जरूरी था: विकीलीक्स
१९ दिसम्बर २०१०गृहमंत्री के रूप में शिवराज पाटिल के कार्यकाल के दौरान भारत के कई शहरों में बम धमाके हुए जिसके चलते कई बार उनके इस्तीफे की मांग उठी लेकिन वह पद पर बने रहे. भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत डेविड मलफर्ड अपने एक संदेश में कहते हैं कि बैंगलोर, अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुवाहाटी, समझौता एक्सप्रेस, उड़ीसा, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियां सामने आने पर शिवराज पाटिल मानो नींद से जागते थे.
लेकिन 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमले के बाद स्थिति बदल गई. अमेरिकी राजदूत के मुताबिक कांग्रेस पार्टी मुश्किल राजनीतिक परिस्थितियों में थी और नुकसान कम करने के लिए उसने शिवराज पाटिल को विदा करना बेहतर समझा. "ऐसे माहौल में गृहमंत्री को हटाना जरूरी हो गया था. चार साल के अपने कार्यकाल में उन्होंने पूरी तरह से अपनी अक्षमता को दिखाया."
डेविड मलफर्ड ने अपने संदेश में लिखा कि पाटिल के इस्तीफे की मांग बार बार उठने पर सोनिया गांधी उनका बचाव करती रहीं. लेकिन मुंबई हमले के बाद अपार जनअसंतोष को देखते हुए इस बार वह भी कुछ नहीं कर सकीं. खुफिया केबल के मुताबिक कांग्रेस भारत की जनता को संदेश देना चाहती थी कि उसने मुंबई हमलों को गंभीरता से लिया है. मलफर्ड ने संदेह भी जताया कि यह कदम से देर से उठाया गया और शायद इसका फायदा कांग्रेस को 2009 के लोकसभा चुनावों में न मिले.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन