2020 ओलंपिक में 25 मेडल का लक्ष्य
१५ सितम्बर २०१२हालांकि 2020 के ओलंपिक खेल कहां होंगे यह अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन इन खेलों में कितने मेडल जीतने हैं यह जरूर तय होता दिख रहा है. खेल मंत्री अजय माकन ने कहा, "2020 खेलों के लिए हमने 25 पदकों का लक्ष्य रखा है. ओलंपिक खेलों के पदक देश के आर्थिक विकास से जुड़े हुए होते हैं. अगर आप पिछले सौ सालों का इतिहास देखें तो पता चलेगा कि हमने ओलंपिक में कितने मेडल जीते हैं. पिछले दो खेलों में हमने नौ मेडल जीते हैं और ये सब एकल मुकाबले थे. इस से पहले सौ सालों में हमने एकल मुकाबलों में केवल दो ही मेडल जीते थे, जबकि अब चार सालों में ही नौ."
ये दो मेडल लिएंडर पेस और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 1996 और 2004 में जीते. पेस ने अटलांटा ओलंपिक में टेनिस के सिंगल्स मुकाबले में कांसे का पदक हासिल किया, जबकि राठौड़ ने एथेन्स ओलंपिक में निशानेबाजी में रजत पदक. 2008 में बीजिंग ओलंपिक के दौरान अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में पहला स्थान हासिल कर भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया. हालांकि लंदन में एक भी स्वर्ण पदक भारत की झोली में नहीं गिरा. छह मेडल के साथ यह भले ही भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा हो, लेकिन अमेरिका के 104 और चीन के 88 पदकों के सामने यह प्रदर्शन बेहद फीका दिखता है. भारत लंदन में 55वें स्थान पर रहा.
माकन इसे ले कर काफी सकारात्मक दिख रहे हैं. वह इसे आर्थिक विकास से जोड़ते हुए कहते हैं, "हम 55वें स्थान पर जरूर रहे, लेकिन अगर आप इसे प्रति व्यक्ति आय और मानव विकास सूचकांक से जोड़ कर देखेंगे तो पाएंगे कि ये दोनों ही करीब 130 हैं. इसके बावजूद हम 55वें स्थान पर हैं. यदि इन छह में से एक स्वर्ण पदक होता तो हमारा स्थान 30 के करीब पहुंच जाता. हमने पिछले चार सालों में बहुत विकास किया है और हमें इसी को ध्यान में रखते हुए अपने भविष्य की तैयारी करनी है."
लंदन ओलंपिक खेलों में विजय कुमार (निशानेबाजी) और सुशील कुमार (कुश्ती) ने रजत पदक, जबकि योगेश्वर दत्त (कुश्ती), गगन नारंग (निशानीबजी), मेरी कोम (मुक्केबाजी) और साइना नेहवाल (बैडमिंटन) ने कांसे के पदक जीते.
आईबी/एनआर (पीटीआई)